छतरपुर। जिला पंचायत के ई दक्षता संवर्धन केन्द्र में सोमवार 23 अप्रैल को आनंदम् सहयोगी लखनलाल असाटी ने शिक्षकों के एक समूह का अल्पविराम प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न कराया। जीवन में किन-किन लोगों ने हमारी मदद की है और हमने किन-किन लोगों की मदद की है इस पर शांत समय लिया गया। उसके पहले ‘ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बढ़ी हैं, इन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है’ प्रेरणा गीत की वीडियो क्लिप से लोगों को बहुत प्रेरणा मिली। दूसरों की मदद पर आधारित थाईलैण्ड के डॉक्टर की सत्य घटना की वीडियो क्लिप भी दिखाई गई। शांत समय लेने के बाद नौगाँव के शिक्षक श्री मिश्रा ने कहा कि जब वह प्राईमरी स्कूल में पढ़ते थे तो एक शिक्षक उन्हें घर पढ़ाने आते थे और इसके बाद वह दो अन्य घरों को पढ़ाने भी जाते थे तब वह मुझे अपनी साईकिल के पीछे कैरियर पर बैठाकर साथ ले जाते थे ताकि मैं दो अन्य जगह भी पढ़ सकूं। इस तरह बिना किसी लोभ के उन्होंने मुझे अच्छी शिक्षा दी जिससे मेरी जि़न्दगी तो बनी ही मुझे अच्छे संस्कार भी मिले। इन्द्रा गौतम ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि 31 मार्च को उनके घर के सामने एक नाबालिग लडक़े ने लापरवाहीपूर्वक मोटर साईकिल चलाकर घर के सामने खड़े उनके डॉक्टर पति को बहुत बुरी तरह घायल कर दिया था। तब पूरा मुहल्ला उनकी मदद के लिए आगे आ गया पर मैंने जब उस लडक़े को भी घायल देखा तो मैं उसे भी अपना पति के साथ इलाज हेतु अस्पताल ले गई और इससे मुझे अत्यंत आत्मिक संतोष मिला। सभी ने 30 सेकेण्ड ताली बजाकर अपनी क्षमताओं के बारे में पुर्नविचार किया। आनंदम् सहयोगी लखनलाल असाटी ने सभी से कहा कि सभी लोग प्रतिदिन कुछ समय शांत रहकर खुद के बारे में सोचे और सुधार करें।
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