पाठापुर बना आनंद गांव, आनंद उत्सव के बाद हुआ आनंद भोज
कलेक्टर, सीईओ एवं अधिकारियों ने ग्रामीणों को परोसा भोजन
छतरपुर, 05 फरवरी 18/जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर गोंड़ आदिवासी ग्राम पाठापुर में रविवार को आनंद उत्सव मनाया गया। गोंड़ जनजातीय समुदाय वाले इस ग्राम में आयोजित आनंद उत्सव में कलेक्टर रमेष भण्डारी, सीईओ जिपं हर्ष दीक्षित, एसडीएम हेमकरण धुर्वे, एसडीओपी एस.सी. दोहरे, ईई आरईएस डी.एस. बघेल, आनंदम सहयोगी लखनलाल असाटी सहित अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। गांव के बच्चे, वृद्ध और महिलाएं आनंदित होकर उत्सव में षामिल थे। गांव की ही बेटी पुनिया गौड़ ने कार्यक्रम का संचालन किया। चंद्रानी गोंड़, राजरानी गोंड़ ने गीत सुनाए तो कक्षा 8 के छात्र पप्पू गोंड़ ने स्वरचित कविता सुनाई जिसमें पाठापुर की सभी जानकारी बड़े ही रोचक अंदाज में पेष की गई। छात्राओं राजाबाई एवं गनेषी गोंड़ ने भी गीत सुनाए। सरपंच रामदयाल गोंड़, आषा कार्यकर्ता राजारानी गोंड़, सहायिका रामबती गोंड़ ने गांव की जानकारी दी। कार्यक्रम के बेहतर संचालन के लिए कक्षा 10वीं की स्थानीय छात्रा पुनिया मोहन गोंड़ को जनजातीय कार्य विभाग से 2100/- रुपए भी कलेक्टर रमेष भण्डारी ने उपलब्ध कराए।
इस मौके पर पूरे गांव का आनंद भोज भी सम्पन्न हुआ। गोंड़ जनजातीय समुदाय के सभी लोगों के लिए बहुत ही सुस्वादु भोजन की व्यवस्था की गई थी। महिलाएं, वृद्ध और बच्चे खाने का आनंद ले रहे थे तो कलेक्टर, सीईओ, एसडीएम, एसडीओपी, ईई और अन्य अधिकारी उन्हें परोसकर खाना खिला रहे थे। महिलाओं ने कहा कि यह उनके जीवनकाल का अविस्मरणीय आनंद है कि इतने बड़े-बड़े लोग उन्हें अपने हाथों से परोसकर खाना खिला रहे हैं। अभी तक तो उन्होंने ही हमेषा दूसरों को खाना परोसा है। माता मंदिर परिसर में सागौन के वृक्षों के नीचे सभी का आनंद भोज संपन्न हुआ और कलेक्टर रमेष भण्डारी तथा जिला पंचायत सीईओ व आनंद विभाग के नोडल अधिकारी हर्ष दीक्षित एक-एक व्यक्ति से पूछ रहे थे कि कोई खाना खाने से वंचित तो नहीं रह गया।
कलेक्टर श्री रमेष भण्डारी ने सभी ग्रामीणों से आव्हान किया कि यह गांव तभी संपूर्ण रूप से आनंद गांव बनेगा जब महिलाओं से बराबरी का व्यवहार होगा। गांव का प्रत्येक व्यक्ति मद्यपान और नषे से दूर रहेगा। सभी प्रसव संस्थागत होंगे तथा प्रत्येक बच्चा स्कूल पढ़ने जाएगा। इस दूरस्थ पहाड़ीगांव में पदस्थ सहायक अध्यापक मनोज दांगी एवं रामस्वरूप प्रजापति के पाठापुर में ही निवास करने तथा बच्चों को पूरी कर्मठता से षिक्षा देने पर कलेक्टर ने उनकी सराहना की और उन्हें प्रषस्ति पत्र से सम्मानित करने की बात कही।
पाठापुर गांव की पेयजल, आवागमन एवं विद्युत व्यवस्था को भी चाक-चौबंद किया गया है। अनाज की पिसाई हेतु ग्रामीणों को एक आटा चक्की उपलब्ध कराई गई। जिसको मौके पर ही चलाकर दिखाया गया। अब सभी ग्रामीण सहकारिता के भाव से इस आटा चक्की का संचालन करेंगे। पाठापुर के पंचायत मुख्यालय नैगुवां से पाईप लाईन के जरिए पानी पहुंचाया गया है। लगभग डेढ़ किलोमीटर लम्बी ये पाईप लाईन नैगुवां के मैदानी क्षेत्र से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र को पार कर पाठापुर पहुंचाई गई है। कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों ने पाठापुर से नीचे जल श्रोत के उस दुर्गम रास्ते को भी तय किया जहां से ग्रामीण जान हथेली पर और पानी का घड़ा सिर पर रखकर पाठापुर लाते थे। अब पाठापुर में 4-4 हजार लीटर की दो टंकी इन ग्रामीणों को लगातार पानी उपलब्ध करा रही हैं। किषनगढ़ मुख्य मार्ग से लगभग 8 किलोमीटर लम्बे दुर्गम मार्ग को भी अब मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत एक षानदार सड़क मार्ग में तब्दील कर दिया गया है। यह कार्य वन विभाग के सहयोग से पूरा कराया जा रहा है। सीईओ जिपं की पत्नी वागीषा दीक्षित एवं रिसर्च एसोसिएट अमृता सिंह ठाकुर भी आनंद उत्सव एवं आनंद भोज में षामिल हुईं तथा उन्होंने भी महिलाओं को खाना परोसा। आनंद उत्सव के समापन पर सभी महिलाएं अधिकारियों को विदा करने उनकी कारों तक पहुंचीं।
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