उज्जैन जिले के सभी शासकीय विभागों में आनन्द विभाग की कार्यशालाएं आयोजित करने हेतु उज्जैन जिला आनंद विभाग ने अल्पविराम कार्यशाला कैलेंडर अनुसार दिनाक ८ दिसम्बर २०१७ से लोक यांत्रिकी स्वस्थ विभाग के अल्पविराम कार्यशाला का आरम्भ किया गया ! प्रथम सत्र में आनन्द विभाग एवं उसके अल्पविराम कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी श्री परमानंद डाबरे द्वारा प्रदान की गई ! प्रथम कार्यशाला के मुख्य ट्रेनर श्री शैलेन्द्र सिंह डाबी, जिला मास्टर ट्रेनर एवं प्रधान वैज्ञानिक ने मध्य प्रदेश शासन के द्वारा सभी शासकीय कार्यालयों के अधिकारी कर्मचारी के लिए शुरू की गई इस अभिनव पहल के उदेश्य के बारे में बताते हुए कहा की आज की भागदौड़ के जीवन में चारो और भागदौड़ चार रही है घर ऑफिस, बाजार, रोड, सभी और फ़ास्ट लाइफ के भागदौड़ ही है जितनी भागदौड़ बाहर है उतनी ही मनुष्यो के अंदर भी विचारो, कामो, प्लांनिगो, प्रतिस्पर्धियों, असुरक्षा-भाव आदि के रूप में चल रही है जिससे हमारे जीवन, हमारे कामो एवं हमारे वव्यहारो में भी यही भागदौड़ परिलक्षित होरही है जिससे हमारी कार्यक्षमता और आसपास के सकारत्मकता के वातावरण प्रभावित हो रहे है !
इन सब का एक अच्छा समाधान अल्पविराम हो सकता है ! वास्तव में अल्पविराम हमे भागदौड़ से बचाकर जो वास्तविक और परम सत्य है उसको देखने और समझने की एक अद्भुत दृस्टि प्रदान करता है जिससे हम सही किया है और कैसे इसको क्रियान्वित करे ये पथप्रदर्शित करता है !
जब हम २४ घंटे दुनियादारी में रहते है सब का काम करते है सब कुछ मैनेज करते है सब का ख्याल रखते है घर का बाहर का, ऑफिस का, रिस्तेदारो, दोस्तों बच्चे और सभी पारिवारिक सदस्यों का पर हम इस २४ घंटे में आपने आप का यानि खुद को कितना समय देता है छुट जाता है ! वास्तव में अपलवीराम यही है की हम खुद कुछ समय आपने खुद के साथ रहे ताकि जो वास्तविक और सही है और जो होना चाहिए वो कर सकने की प्रेरणा के सब सामर्थ प्राप्त हो इसका अभ्यास ही अल्पविराम है ! अल्पविरम में हम अपनी खूबियों के देख पते है हम अपनी समस्याओ कोभी देख पातेहै बल्कि उसका समाधान भी देख पाते है ! और समाधान ही नहीं बल्कि समाधान करने का सामर्थ भी प्राप्त करते है ! श्री डाबी जी ने आपने स्वयं का उदहारण देते हुए अपनी स्वयं की एक मार्मिक आप बीती कहानी से अल्पविरम को विस्तृत बताया !
फिर कहा की अपलवीराम को करते कैसे है, इसको बड़े रोचकता से समझया और कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को अल्पविराम का अभ्यास कराया ! अल्पविरम के बाद कुछ प्रतिभागियो ने आपने अनुभव शेयर किये और आशा की की अल्पविराम के बाकि सत्र शीघ्र सम्पन कराये जाये ताकि आप्लविराम की गहनता को जान सके ! इस कार्यशाला के दौरान कुछ योगक्रियाये भी श्री लक्ष्मीकांत भारती जी एवं श्री राजेंद्र परमार जी द्वारा कराई गई ! कार्यशाला में लगभग २५ प्रतिभागियों ने भाग लिया !
फोटो :-
डाक्यूमेंट :-
Document - 1