महिला एवं बाल विकास विभाग-उज्जैन में आनंद की कार्यशाला में शैलेन्द्र सिंह डाबी ने कहा की जीवन में आनंद लाना है तो हमे सकारात्मक एवं सहयोगात्मक व्यवहार अपनाना होगा ! आज भाग दौड़ के युग में ज्यादातर लोगो के जीवन में छोटी छोटी घटनाओ और स्थतियों से तनाव में आजाते है, क्योकि बाहर की भागदौड़ के आलावा हमारे अंदर भी बहुत जोर से विचारो, चिंताओं, प्रतिस्पर्ध्या और असुरक्षा की भगदड़ चल रही है, अगर हम रुक अपनी अंतरात्मा की सच्ची आवाज को अनसुना करेंगे तो अंदर की आपने आस-पास और कार्यव्यवहार और परिवार में भी वो परिलक्षित होगी! जब तक आपने अन्तस् की उस भगदड़ का निदान नहीं करेंगे जीवन में तनाव हर जगह दिखेगी, अतः हमे अपनी जीवनशैली में अल्पविराम अपना कर अंतरात्मा की आवाज सुनकर जीवन जीने से सभी के जीवन में आनंद आएगा ! उन्होंने एक विशेष शैली में गिनती गिनवाकर रोचक खेल सभी प्रतिभागियों को खिलाकर आनंदित किया ! राजेंद्र गुप्त ने कांच के गिलास में विभिन्न वस्तुओ को रखकर उन्हें आपने आनंद में आने वाली बाधाओं से संबद्ध कर सरल रूप में समझाया ! उन्होंने पोधो के कुछ सूखे, हरे पत्तो का उपयोग करते हुए जीवन में रिश्तो के महत्व को बहुत अच्छे से समझाया ! परमान्द डाबरे के कार्यशाल का संचालन किया इस अवसर पर डॉ सी. एल. पासी, कीर्ति नागर, गुरुदत्त पांडे, लोकेन्द्र ठाकुर, मनोज जाट, अनुपमा मड़ावी,शिवेश दुबे, राजीव गुप्ता, डॉ नितिन चौरसिया, झनक सोनाने, साधना सिंह, सरिता देथलिया, पुष्पा राव, वंदना गुप्ता, संदीप कुमार लोवंशी, देवाशीष श्रीवास्तव, सीमा सिसोदिया, उषाकिरण चौहान, लक्ष्मण शर्मा, दिनेश व्यास, अम्बाराम मालवीय आदि उपस्थित रहे ! जिले में आनंद की कार्यशालाओं का समन्वय संदीप जीआर, सीईओ जिला पंचायत द्वारा संकेत भोंडवे, कलेक्टर उज्जैन के मार्गदर्शन में किया जा रहा है ! उपरोक्त जानकारी परमानंद डाबरे, आनंद विभाग, शाखा प्रभारी, जिला उज्जैन द्वारा प्रदान की गई !
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