दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करने से, कविता लिखने से, भजन सुनने से, कीर्तन में मजीरा बजाने से, हितग्राही का काम ईमानदारी से कर देने पर, अपनी ड्यूटी निष्ठापूर्वक करने पर तथा दूसरों की मदद और परवाह करने से उन्हें आनन्द की अनुभूति होती है।
प्रेषक का नाम :- छतरपुर आनन्दम् सहयोगी लखनलाल असाटी
स्थल :- Chhatarpur
छतरपुर आनंद विभाग के अल्पविराम कार्यक्रम के तीन सत्रों में 100 से अधिक, अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रषिक्षण लेने के बाद कहा कि अल्पविराम से उनमें सकारात्मक उर्जा का संचार हुआ है। मुख्य अभियंता पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी सागर के सभागार में आनन्दम् सहयोगी लखनलाल असाटी द्वारा तीन सत्रों में 105 कार्मिकों को अल्पविराम प्रषिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में एसई ए.के. परते, एम.एस. डेहरिया, एम.सी. गुप्ता, यू.के. मेहरा ईई व्ही.के. गुप्ता एच आर मैनेजर बलराम बारिया, एई डी.के. जैन, आर.क.े अरजरिया सहित एओ श्रीमती अमृता सोनी, श्रीमती मेनकादेवी पाल सहित सभी कार्मिकों ने आनंद अल्पविराम प्रषिक्षण प्राप्त कर आनंद की अनुभूति की। कार्यक्रम में विनोद कुमार कनौजिया, साबिर खान द्वारा विषेष सहयोग प्रदान किया गया।
आनन्दम सहयोगी लखनलाल असाटी ने कहा कि छोटे छोटे परोपकार और परहित के काम करके आनन्द की अनुभूति की जा सकती है। आनन्द की अनुभूति के लिये अपनी आत्मा की आवाज सुननी होगी और अल्पविराम कार्यक्रम आत्मा की आवाज सुनने में मदद करता है । उन्होनें सभी कर्मचारियों को 20 मिनट मौन रहकर आत्मा की आवाज सुनने का अभ्यास कराया । प्रतिभागियों ने अपने जीवन के अनुभव सुनाते हुए कहा कि उन्हें किस तरह से जीवन में आनन्द की प्राप्ति हुयी है। माखनलाल सोनी रजनीकांत श्रीवास्तव, अंकित गुप्ता, अवनीष जारौलिया, रविषंकर कटारे, लक्ष्मीनारायण यादव आदि ने बताया कि उन्हें कब आनन्द की प्राप्ति होती है किसी ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करने से, कविता लिखने से, भजन सुनने से, कीर्तन में मजीरा बजाने से, हितग्राही का काम ईमानदारी से कर देने पर, अपनी ड्यूटी निष्ठापूर्वक करने पर तथा दूसरों की मदद और परवाह करने से उन्हें आनन्द की अनुभूति होती है। श्री असाटी ने कहा कि यदि कर्मचारी अच्छे कामों से स्वयं आनंदित रहेगा तभी वह दूसरों को आनन्द दे पायेगा। अल्पविराम कार्यक्र्रम में कुछ आडियो एवं वीडियो के माध्यम से प्रेरित किया गया।
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