आंनदित रहने की कला में एक महत्वपूर्ण बात सामुदायिक गतिविधियां व समाज के साथ जुड़ाव को भी माना गया है। आनंद क्लब इसी भाव को उभारने तथा व्यक्ति को सामुदायिक व सामाजिक रूप से सक्रिय रहने में मदद कर रहा है। राज्य आनंद संस्थान के आह्वाहन पर उसके आनंदकों ने सामूहिक रूप से आनंद क्लबों का गठन पिछले माह से शुरू किया था। प्रदेश के अनेक जिलों में इन क्लबों के माध्यम से लोग सामाजिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चला रहें है।
इस साल जून माह के मध्य से प्रारम्भ हुए आनंद क्लब की पंजीयन संख्या जुलाई के अंत में 135 तक पहुंच गई है, जिसमें से 76 क्लब तो पूर्ण पंजीकृत हो गये है। अर्थात जिन्होंने अपने उद्वेश्य, पदाधिकारी व कार्यक्रम आदि सभी बिन्दुओं को स्पष्ट किया है, और क्लब के माध्यम से कार्य प्रारंभ कर दिया है।
इन 76 पूर्ण पंजीकृत क्लबों में सर्वाधिक 16 क्लब ग्वालियर जिले में पंजीकृत है। दूसरें स्थान पर शाजापुर जिला 12 क्लबों का पंजीयन करा चुका है। अशोक नगर में 6, छतरपुर व शिवपुरी में 5 क्लबों का पंजीयन हुआ है। भोपाल, बड़वानी तथा विदिशा में 4 क्लबों का पूर्ण पंजीयन 31 जुलाई तक हुआ है। इंदौर तथा उज्जैन में 3-3 क्लब तथा होशंगाबाद, दतिया में 2-2 क्लबों का पंजीयन कराया जा चुका है। इनके अलावा आगर, भिण्ड, धार, मण्डला, मुरैना, नीमच, रायसेन, श्योपुर, राजगढ, शहडोल जिलें में एक-एक क्लब पंजीकृत हुआ है।
इस प्रकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों में ऐसे आनंद क्लबों का गठन हो रहा है, जो समाज में आनंद के प्रसार के लिए विविध विषयों पर अपने-अपने स्तर व क्षमता के अनुसार कार्य कर रहे हैं।
मसलन दतिया जिले के आनंद स्पोटर्स क्लब ने महिलाओं को खेल के माध्यम से शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की बात की है, तो एक ग्वालियर जिलें का अन्य क्लब जरूरत मंद छात्र छात्राओं को नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है।
इन्दौर में सक्रिय आनंद रोटी बैंक क्लब निराश्रित व भूखे लोगों को भोजन मुहैया करा रहा है। इसके लिए उन्होनें रोटी बैंक बना रखा है। जहॉ परिवारों से भोजन एकत्र कर उन्हें भूखे लोगों में बॉटा जाता है।
वहीं छतरपुर का एक क्लब ‘’रक्त हर वक्त’’ के नाम से काम कर रहा है। यह क्लब शहर के अस्पतालों में उन बेसहारा लोगों को खून उपलब्ध कराता है जिन्हें किसी वजह से ब्लड बैंक से खून नहीं मिल पाता है।
मण्डला जिले का मंडला आनंद क्लब निर्धन बच्चों, विधवा परित्यक्ता महिलाओं को उनके घर पर ही कपडे़, स्कूल यूनिफार्म, किताबें व जरूरत का अन्य सामान मुहैया करा रहा है।
राज्य आनंद संस्थान की कोशिश है कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन व लोगों के आनंद को बढ़ाने वाली गतिविधियों को एक मंच प्रदान किया जाए। राज्य में आनंद क्लब समाज में सकारात्मक गतिविधियों के लिये एक मंच के रूप में तेजी से उभर रहा है।