केंद्रीय विद्यालय छतरपुर में अल्पविराम के बाद सार्वभौमिक मानवीय मूल्य पर हुई वर्कशॉप
छतरपुर, गुरुवार को अगस्त माह के अंतिम दिवस केंद्रीय विद्यालय में राज्य आनंद संस्थान की ओर से सार्वभौमिक मानवीय मूल्य पर अल्पविराम लेकर संवाद किया गया, प्रभारी प्राचार्य सलीम सिद्दीकी की उपस्थिति में 40 शिक्षकों ने इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया, आनंद विभाग की ओर से मास्टर ट्रेनर लखन लाल असाटी एवं श्रीमती आशा असाटी ने यूएचव्ही के कंटेंट पर विस्तार से बातचीत की 1 घंटे के संवाद के बाद शिक्षकों ने स्वीकार किया कि आवश्यकता असीमित नहीं है उसे मात्र फिक्स करने की जरूरत है, अभी मानव का सारा प्रयास सुविधाओं को जोड़ने में है, आवश्यकता की सही-सही पहचान न होने से दिन-रात बिना पेंदी के लोटे को भरने जैसा काम चल रहा है जो दुख का कारण बनता है, अधिकतर लोगों ने स्वीकार किया कि वह सुविधा विहीन दुखी दरिद्र न होकर सुविधा संपन्न दुखी दरिद्र हैं, कार्यशाला के दौरान सुख और समृद्धि को वास्तविक अर्थों में समझा गया सुख का आशय मानव परिवार समाज और प्रकृति चारों स्तर पर व्यक्ति का व्यवस्था में होना है, इसी तरह आवश्यकता का निर्धारण हो जाने पर आवश्यकता से थोड़ा अधिक उपलब्ध होने का भाव समृद्धि है, समृद्धि का भाव आ आने पर व्यक्ति किसी का भी शोषण नहीं करता है अपितु उसका प्रयास और अधिक उद्यम कर दूसरों को समृद्ध करने का बन जाता है, केंद्रीय विद्यालय की ओर से प्राचार्य सलीम सिद्दीकी, रोमेश खरे, वर्षा बाड़ोलिया और राजेश कुमार जैन ने संबंधित विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह वर्कशॉप अत्यंत उपयोगी है जीवन से जुड़ी हुई है तथा इस पर और अधिक संवाद की जरूरत है उन्होंने आनंद विभाग से आग्रह किया कि वह केंद्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर से संवाद कर इसे पूरे प्रदेश में नियमित रूप से आयोजित करें, आभार प्रदर्शन राजेश जैन द्वारा किया गया कार्यक्रम के प्रेजेंटेशन में कंप्यूटर कक्ष प्रभारी दीप नारायण सिंह का विशेष सहयोग रहा
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