काम के दबाव के बीच करेंगे आनंद की खोज बिजावर जनपद के कर्मचारियों ने लिया अल्प विराम छतरपुर। बिजावर जनपद पंचायत सभा कक्ष में शुक्रवार को अल्पविराम का प्रशिक्षण आनंदम सहयोगी लखन लाल असाटी ने संपन्न कराया। इस मौके पर सहायक यंत्री डी.के. भंडारी, उपयंत्री बसंत तिवारी, पंचायत सचिव अशोक मनया, सहायक लेखा अधिकारी एस.के. सोनी, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद अग्रवाल सहित ग्राम पंचायतों के सचिव, उपयंत्री एवं अधिकारी कर्मचारी शामिल थे। अल्पविराम में 20 मिनिट मौन रहकर आत्मा की आवाज सुनने का अभ्यास करने के बाद सभी ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान हालातों में काम का दबाव तो कम नहीं हो सकता पर काम के दबाव के साथ-साथ अब वे जीवन में आनंद की खोज में भी सतत लगे रहेंगे। जीवन में आनंद की अनुभूति कैसे होती है तथा आनंद और सुख में क्या अंतर है इस पर कर्माचारियों की अलग अलग राय थी। उपयंत्री बसंत तिवारी ने बताया कि जब वह नल जल विभाग में रीवा-सीधी जिलों में पदस्थ थे तो उन्होंने पोखरों और गड्ढों का पानी पीने वाले ग्रामीणों तक नल जल पहुंचाया था जो उनके जीवन का अपार आनंद बना। मंगुलाल ने कहा कि उनका बचपन गरीबी में बीता। जब वह दो वर्ष के थे तभी उनके माता-पिता गुजर गए थे। पर उनके चाचा ने उनको पढ़ा लिखाकर नौकरी लायक बना दिया। वह अपने जीवन में चाचा का उपकार कभी नहीं भूल सकते। अशोक मनया ने कहा कि वह अपने गांव के छिद्दी बसोर की कन्या का विवाह कराकर अपने आप को आनंदित महसूस करते हैं। एक पंचायत सचिव ने कहा कि उनके जीवन के आनंद का आधार उनके माता-पिता हैं। पर आज वह अपने माता-पिता से अलग रहते हैं जिसका उन्हें दु:ख है। इस रक्षाबंधन पर वह माता-पिता के पास जाकर उनकी जरूरतें पूरी करेंगे। रामशरण पटैरिया ने भी विचार व्यक्त किए। आनंदम सहयोगी लखन लाल असाटी ने सभी से आग्रह किया कि जीवन में सकारात्मक बने रहने तथा तनाव में भी संतुलित बने रहने के लिए मौन रहकर अपनी आत्मा की आवाज सुनने का नियमित अभ्यास करें। उन्होंने यह भी सलाह दी कि कर्मचारी इस बात पर विचार करें कि उनकी जो कार्यशैली है वैसी ही कार्यशैली सभी नागरिकों की हो जाए तो देश के हालात कैसे होंगे।
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