बुजुर्गों की सुनेंगे और देंगे सम्मान अल्पविराम में पारिवारिक रिश्तों की मजबूती पर लिया मौन छतरपुर। परिवार में बुजुर्ग सदस्यों को और अधिक समय देने तथा उनकी भावनाओं को सुनने और समझने से उनके जीवन के साथ-साथ खुद के जीवन में भी आनंद की उत्पत्ति की जा सकती है, ऐसे विचार आनंद विभाग के अल्पविराम कार्यक्रम में सामने आए। क्षेत्रीय क्षमता संवर्धन केंद्र में शुक्रवार को अल्पविराम का कार्यक्रम संपन्न कराया गया। आनंदम सहयोगी लखन लाल असाटी ने ई-दक्षता केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे शासकीय कर्मचारियों को मौन रहकर अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनने का अभ्यास कराया। कर्मचारियों ने तीस सेकेण्ड तक तालियां बजाकर अपने पूर्वानुमान से अधिक परिणाम प्राप्त करने पर खुद की क्षमता के आंकलन को सुधारने की बात कही। एक प्रेरणा गीत के माध्यम से कर्मचारियों में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने की प्रेरणा दी गई। पारिवारिक रिश्तों की संवेदनशीलता और मजबूती पर आधारित एक वीडियो क्लिप देखने के बाद सभी ने लगातार 15 मिनिट मौन रहकर अपने जीवन में पारिवारिक रिश्तों की अहमियत पर आत्मा की आवाज सुनने का प्रयास किया। श्रीमति रीता तिवारी, श्रीमती रामलली सिंह, जयप्रकाश गोस्वामी आदि ने अपने अपने परिवारों में बुजुर्ग सदस्योंं से संबंधित घटनाएं सुनाते हुए कहा कि बुजुर्गों की सेवा से उन्हें कितना आनंद और संतोष मिलता है तथा बुजुर्ग भी खुश होकर उन्हें आशीर्वाद देते रहते हैं। लगभग सभी की राय थी कि बुजुर्गों के पास धन संपत्ति होने के बावजूद भी उनकी सेवा और सुनने वाला कोई नहीं होता जिस कारण वे एकाकी और दु:खी जीवन जीते हैं। कर्मचारियों ने कहा कि वे प्रतिदिन अपने घरों में अल्पविराम लेकर बुजुर्गों की सेवा और सम्मान के लिए और अधिक सकारात्मक सोच विकसित करेंगे। कार्यक्रम में ई-दक्षता केंद्र के प्रशिक्षक नीरज बाजपेयी सहित 30 कर्मचारी शामिल हुए।
फोटो :-
डाक्यूमेंट :-
Document - 1