व्यक्ति का सही आकलन सम्मान है, अधि और अवमूल्यन उपहास और अपमान
छतरपुर। शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल क्रमांक 2 में प्राचार्य एवं शिक्षकों के लिए 21वीं सदी के कौशलों पर आधारित सतत् एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन सीसीएलई कार्यक्रम पर आयोजित 4 दिवसीय प्रशिक्षण में रविवार को सार्वभौमिक मानव मूल्य पर राज्य आनंद संस्थान के मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी ने शिक्षकों से संवाद किया। सम्मान का अर्थ सम+मान है जो जैसा है उसका सही-सही आकलन ही सम्मान है पर जब हम किसी का अधिक आकलन अथवा कम आकलन करते हैं तो वह उपहास और अपमान जैसा ही होता है। परिवार और समाज व्यवस्था में देखने जाते हैं तो मानव से मानव का संबंध व्यक्ति के व्यवहार पर निर्भर है और यह व्यवहार उसके अंदर के भावों से प्रकट होता है। विश्वास आधार मूल्य है तो प्रेम संपूर्ण मूल्य है। सम्मान से संबंध सुनिश्चित होते हैं, जब हम किसी का अधिक या कम मूल्यांकन कर रहे होते हैं तो हमारे साथ-साथ सामने वाला भी असहज हो जाता है। व्यक्ति कई बार लिंग, वंश, पद, पैसा आदि के आधार पर जो भेद करता है वह भी अपमान ही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में रिर्सोस पर्सन के रूप में मीना मिश्रा, खेमचन्द्र विश्वकर्मा, राजेन्द्र अवस्थी, शैलेन्द्र बरोलिया, मिथलेश कुमारी, सीताराम अहिरवार, संगीता पाठक आदि शामिल रहीं।
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