इंदौर के आनंदक यश पराशर ओर उनके साथियों द्वारा शहर में एक मकान को श्री राम निराश्रित आश्रम के रूप में संचालित कर शहर के ऐसे बुजुर्ग जिन्हें उनके अपनो ने घर से निकाल दिया या जो भिक्षावृत्ति कर रहे हैं।आनन्दको एवम आनंदम सहयोगियो ने इसे बुजुर्गो को चिन्हित कर उनकी उक्त स्थान पर भोजन और आश्रय की व्यवस्था की एवम उनके परिवार की जानकारी लेकर परिवार के सदस्यों से संपर्क कर उनकी काउन्सलिंग कर उन्हें अपने माता पिता को अपने साथ रखने हेतु प्रेरित किया गया।परिणामस्वरूप अभी तक 10 बुजुर्ग पुनः अपने परिवार का हिस्सा बन चुके है। तथा 3 बुजुर्ग अभी भी उक्त स्थान पर रह रहे हैं।
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