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अल्पविराम परिचय कार्यशाला में सीखें आनंदित रहने के गुर

प्रेषक का नाम :- (शिरीष सुमन शर्मा) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर राज्य आनंद संस्थान शाजापुर
स्‍थल :- Shajapur
02 May, 2023

28 अप्रेल को मध्यप्रदेश शासन, आनंद विभाग के स्वशासी संस्थान राज्य आनंद संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर में आयोजित एक दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र मे दीप प्रज्वलन  पश्चात श्री संतोष कुमार टैगोर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शाजापुर ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वीकार्यता का भाव आनंद में बढ़ोत्तरी करता है, व्यक्ति अपना स्वअवलोकन कर जीवन में एक नई दिशा प्राप्त कर सकता है, हमारे पास सभी के लिये समय है, लेकिन कभी स्वयं से मुलाकात नहीं करते है। इस अल्पविराम कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि हम स्वयं से संपर्क कर ऐसे कारणो/भावों को जाने जो हमारे आंतरिक आनंद में बाधक है और हमें कहां सुधार की आवश्यकता है। इस प्रकार हम अपने परिवार, कार्यक्षेत्र व समाज में भी इस आनंद को फैला सकते है। कार्यक्रम में सीएम राईज विद्यालय के शिक्षकगण, कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी एवं जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावास अधीक्षकों ने भाग लिया। डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर शाजापुर श्री शिरीष सुमन शर्मा ने राज्य आनंद संस्थान की विभिन्न गतिविधियों से उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए बताया कि नागरिकों में सकारात्मक सोच विकसित हो एवं आनंद की अनुभूति के लिये विभिन्न प्रकल्पों पर राज्य आनंद संस्थान से जुड़े स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं, जिन्हें आनंदक कहा जाता है, के माध्यम से गतिविधियां संचालित की जाती है, जिसमें प्रमुख रूप से आनंद उत्सव, आनंद क्लब, आनंदम केन्द्र, आनंद शिविर, आनंद सभा, अल्पविराम आदि कार्यक्रमों की जानकारी विस्तार से देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा घोषित कुछ महत्वपूर्ण दिवसों को भी नागरिकों में जनचेतना जागृत करनें के उद्देश्य से आनंदकों द्वारा प्रतिमाह मनाया जाता है। इसी क्रम में आगामी 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस एवं 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जायेगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री संतोष भावसार द्वारा सुंदर प्रार्थना के साथ किया गया तत्पश्चात संचालन राज्य आनंद संस्थान मध्यप्रदेश की रिसोर्स पर्सन डाॅ.समीरा नईम ने करते हुए बताया कि किस प्रकार हम स्वयं से जुड़कर कुछ विधाओं के माध्यम से आंतरिक आनंद की अनुभूति कर सकते है। राज्य आनंद संस्थान से जुड़े अनेकों लोगो ने इस दिशा में प्रयास किया है और अल्पविराम सत्रों में हम अपने जीवन में हुए सकारात्मक परिवर्तनों को ही साझा करते है। जिस प्रकार हम अपने खातों का लेखा-जोखा रखते है, क्या कभी हमने अपने जीवन का लेखा-जोखा रखने का प्रयास किया है? जीवन के लेखा-जोखा के माध्यम से अपने स्वयं के जीवन में हुए परिवर्तन को साझा करते हुए मदद, कृतज्ञता, और क्षमा के भावों को अपने अंदर देखने हेतु प्रतिभागियों से परस्पर संवाद किया। इसी प्रकार अन्य सत्रों में हमारे जीवन से जुड़ी विभिन्न चिंताओं का विश्लेषण कर ऐसी चिंताए जो हमारे प्रभाव के दायरे में है, उस पर चिंतन कर ऐसी अनेकों चिंताओं से मुक्त होकर आनंदित जीवन की ओर बढ़ सकते है। इसी प्रकार हमारे स्वयं से रिश्ता, परिवार, कार्यक्षेत्र एवं समाज से जुड़े विभिन्न रिश्तों का सुक्ष्म अवलोकन शांत समय के माध्यम से करके किस प्रकार रिश्तों में सुधार किया जाकर आनंद को अनुभूत किया जा सकता है इस पर भी प्रकाश डाला गया। राज्य आनंद संस्थान से सुश्री कृपाली राणा द्वारा आइस ब्रेकर के माध्यम से सार्थक संदेश दिया गया। कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री विवेक दुबे, उपसंचालक कृषि श्री के.एस.यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र श्री जी.आर.अम्बावतिया, सहायक संचालक कृषि श्री आर.सी.पुनासिया, कृषि वैज्ञानिक डाॅ.गायत्री वर्मा, आनंदम सहयोगी श्री महेन्द्र मोहन सोनी भी उपस्थित रहे।


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