आनंद विभाग की "आनंद सभा "कर रही बोर्ड परीक्षा के समय बच्चों का तनाव कम करने की कवायद
राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग इंदौर द्वारा एमएस मैजिस्टी हायर सेकेंडरी स्कूल द्वारका वैली इंदौर के विद्यार्थियों में मनोवैज्ञानिक प्रेरणादाई विधि द्वारा परीक्षा तनाव कम करने के बारे में चर्चा विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला को विशेषकर विद्यार्थियों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है ताकि वे परीक्षाओं से पहले,परीक्षाओं के दौरान और बाद में होने वाले तनाव का सामना कर सकें।इसमें सरल,लेकिन प्रभावशाली कहानियां खुश रहने की तकनीक तकनीकें,व्यावहारिक ज्ञान और कुछ मिनटों का ध्यान शामिल है, जिसे युवा सरलता से कर सकते हैं। जब बच्चे अपने परिवार परिजनों के संघर्ष उनका उनके बच्चों के प्रति त्याग और समर्पण भाव की समझ विकसित होती है तो स्वतः की अपने माता-पिता का सम्मान और उनके सपनों को पूरा करने की ओर केंद्रित होता है । विद्यार्थियों को तनाव को दूर करने,मन को केन्द्रित करने और स्मृति को सुधारने के लिए सरलता से लागू किए जा सकने वाले और प्रभावशाली उपकरण प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही साथ वे शांत एवम् स्पष्ट मन से परीक्षाओं का सामना करने में सक्षम हो जाते हैं। उनका प्रयोग परीक्षा हॉल में परीक्षा समाप्त होने के आखिरी मिनट में घबराहट और परीक्षा के परिणाम आने से पहले के समय में होने वाली चिंता को संभालने में किया जा सकता है। ये तकनीकें विद्यार्थियों को स्वस्थ और खुश रहने एवम् जीवन के इस महत्वपूर्ण समय में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करती हैं।इसमें विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जिला समन्वयक विजय कुमार मेवाड़ा समन्वयक ने कहा कि अगर विद्यार्थी सही से समझे तो परीक्षा अच्छे के लिए होती है। इसलिए हर पल तनाव रहित रुचि अनुसार विषयों का अध्ययन कीजिए, क्योंकि अत्याधिक परीक्षा चिंतित छात्र कम चिंता करने वाले साथियों से लगभग 12 प्रतिशत अंक कम प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में परीक्षा की चिंता के मुख्य कारणों में माता-पिता का दबाव, अत्याधिक चिंता, अप्रासंगिक विचार, विफलता का डर, विलंब और पिछली परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन आदि होते हैं। विद्यार्थी हमेशा ध्यान रखें कि यथार्थवादी बने रहें। खुद की दूसरों से तुलना न करें। अगर आप आज सकारात्मक सोचेंगे और अच्छे भविष्य की उम्मीद से बेहतर तैयारी करेंगे तो निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। आनंदम सहयोगी यश पराशर ने कहा इसके अलावा पर्याप्त नींद, पौष्टिक आहार, बेहतर समय प्रबंधन और आवश्यकता अनुसार अपने शिक्षकों की मदद लेने से हिचकिचाए नहीं। मुकेश वर्मा ने बताया कि हर बच्चा यूनिक और अनोखा है अपनी क्षमता अनुसार अपने टारगेट सेट करें और उन पर ध्यान केंद्रित करें तो आपेक्षित सफलता जरूर मिलेगी। सेवानिवृत्त कर्नल श्री मनोज जी बर्मन ने कहा कि यदि परीक्षा में अपेक्षित अंक ना भी आए तो हताश न हो जीवन में आगे बढ़ने की अपार संभावनाएँ है।
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