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प्रशिक्षक कार्यशाला सम्पन्न

प्रेषक का नाम :- अरुण कुमार तिवारी (प्रधान डिजिटल मार्गदर्शक) आनंद विभाग रीवा
स्‍थल :- Rewa
13 Feb, 2023

भोपाल। आनंद भवन भोपाल में 2 दिवसीय प्रशिक्षक कार्यशाला 8 एवं 9 फरवरी को आयोजित की गयी। जिसमें प्रदेश के 78 मास्टर ट्रेनर्स ने भाग लिया। आनंद विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम अल्पविराम को विस्तार एवं भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा एवं रणनीति बनाई गयी। इस अवसर पर आनंद विभाग की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए आनंद विभाग के संस्थापक सदस्य एवं मप्र शासन के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि 2016 में स्थापित आनंद विभाग की यात्रा बाल्य अवस्था से युवा अवस्था तक हो गई है। अब अंगुली पकड़कर चलाने की जरूरत नहीं है। इस कार्यक्रम में आनंद विभाग के प्रमुख सचिव संजीव कुमार झा, राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश कुमार अर्गल, सलाहकार सत्यप्रकाश आर्य, मनु दीक्षित, कमलेश कुमार तिवारी, जितेश श्रीवास्तव, प्रदीप महतों, मुकेश करूआ आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। आनंद विभाग की स्थापना के समय से काम कर रहे मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी, रमेश कुमार व्यास, अरुण कुमार तिवारी, बलवीर सिंह बुन्देला, समीरा नईम, राजेन्द्र असाटी आदि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। 

श्री बैंस जी ने मास्‍टर टेनर से कहा कि अब आप सभी हैंड होल्डिंग और मेंटरशिप के भाव के साथ प्रदेश भर के आनंदकों को अपने साथ जोड़ें। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी खुद की प्रोसेस पर फोकस कर उसे फील कराने की जरूरत है। जहां भी आप काम कर रहे हैं उस गु्रप के साथ आपके जीवंत संबंध होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आपको आनंद का स्वाद लग गया है। अब इसे बूंद-बूंद करके बांटते रहिए तो यह समुद्र बन जाएगा। नहीं बांटोगे तो आप एक पिंजरे में चले जाओगे। उन्होंने कहा कि  वास्तव में किसी भी चीज की सार्थकता तभी है जब वह प्रयोग और प्रेक्टिस में हो। उन्होंने कहा कि फिजिक्स की किताब पढ़कर फिजिक्स सीख सकते हैं पर आनंद की किताब पढ़कर आनंद नहीं सिखाया जा सकता। साईकिल चलाना या तैराकी करना सिर्फ किताबें पढ़ लेने से नहीं आ जाएगा।

प्रमुख सचिव संजीव कुमार झा ने अल्प विराम को महत्वपूर्ण कार्यक्रम बताते हुए कहा कि अगर सरकारी अधिकारी कर्मचारी की खुशी बढ़ेगी तो वह अपने विभाग में अच्छा काम करेंगे। मार्च के पहले तक प्रत्येक जिले में पूरे एक दिन के कम से कम 5 अल्प विराम सेशन आयोजित होने चाहिए। आभार प्रदर्शन लखनलाल असाटी जी ने किया।


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