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जिला जेल छतरपुर में कैदियों के साथ अल्पविराम कई कैदियों ने कहा कि उनके दुख का कारण वह खुद हैं

प्रेषक का नाम :- लखनलाल असाटी जिला संपर्क व्यक्ति छतरपुर
स्‍थल :- Chhatarpur
28 Dec, 2022

 जिला जेल छतरपुर में कैदियों के साथ अल्पविराम कई कैदियों ने कहा कि उनके दुख का कारण वह खुद हैं छतरपुर, जिला जेल छतरपुर में रविवार सुबह राज्य आनंद संस्थान का अल्पविराम कार्यक्रम जेल अधीक्षक कृष्ण कुमार कुलश्रेष्ठ एवं जेलर राम शिरोमणि पांडे के सहयोग से मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी, श्रीमती आशा असाटी, आनंदम सहयोगी रामकृपाल यादव, शिवनारायण पटेल, श्रीमती नीलम पांडे, आनंद ग्राम सहयोगी राजकुमार पटेल, प्रमोद पटेल ने अपने खुद की परिवर्तन की कहानी सुना कर संपन्न कराया, सामूहिक प्रार्थना के बाद योगाचार्य रामकृपाल यादव ने शीत ऋतु में खुद को स्वस्थ रहने के कुछ प्राणायाम और आसन बताएं, खासकर भस्त्रिका प्राणायाम के अभ्यास से ठंड के प्रकोप से बचा जा सकता है, पेट साफ तो दिमाग भी साफ पेट को साफ रखने के लिए योगगुरु ने सुबह काग आसन में बैठकर तीन गिलास पानी पीने के बाद ताड़ासन त्रिकोणासन सिखाएं जिससे पेट साफ रहेगा तो दिमाग भी साफ रहेगा, लखनलाल असाटी ने जीवन वृक्ष के माध्यम से कैदियों का ध्यान इस ओर दिलाया कि उनकी जीवन यात्रा में बहुत सारे लोगों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग रहा है श्रीमती आशा असाटी ने रिश्तो के माध्यम से शांत रहकर ऐसे रिश्तो और व्यक्तियों को याद करने का आग्रह किया जिनसे उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है अधिकतर कैदियों ने कहा कि उन्हें अपने मां के चेहरे को देखकर मुस्कुराहट आती है खुशी होती है कुछ कैदियों ने अपने बच्चों को याद किया और कुछ ने अपने पालतू कुत्ते और गाय भैंस को भी उनकी मुस्कुराहट का कारण बताया, श्रीमती नीलम पांडे ने उन रिश्तो को याद करने को कहा जिन्हें याद कर उन्हें गुस्सा आती है दुख पहुंचता है, कैदियों ने कहा कि जिनके कारण वह जेल पहुंचे उनके प्रति उन्हें क्रोध आता है कुछ ने झूठी गवाही देने वालों के प्रति क्रोध कहा, लखनलाल असाटी ने कैदियों से सवाल किया दोनों ही स्थितियों में वह सुख और दुख को कहां महसूस कर रहे थे, कैदियों ने स्वीकार किया कि व्यक्ति यहां नहीं है पर उन्हें याद करके हम सुख-दुख अपने अंदर ही चला रहे हैं इसका आशय यह है कि सुख और दुख उनके अपने हाथ में हैं जिन्होंने सुख पहुंचाया है उनके प्रति कृतज्ञता का भाव ठीक है पर जिनसे दुख पहुंचा है उनको भूल जाना अथवा उन्हें क्षमा कर देना ही खुद के लिए ठीक है कुछ कैदियों ने कहा कि वह समझ पाए हैं उनके दुख का कारण वह खुद है कुछ कैदियों ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि हां उन्होंने गलती की है पर अब वह अपना भविष्य सुधारना चाहते हैं शिवनारायण पटेल ने अपने व्यक्तिगत रिश्तो का जिक्र करते हुए बताया कि शांत समय लेकर खुद से संवाद कर उन्होंने अपने बहुत सारे रिश्ते ठीक किए और रिश्ते सुधर ते ही उनके जीवन का आनंद भी बढ़ गया है आरक्षक अनुराग गर्ग ने कहा कि दूसरों को सुधारने की जगह खुद को सुधारने का प्रयास जारी रखना है जेलर राम शिरोमणि पांडे ने अल्पविराम कार्यक्रम के आयोजन के लिए आनंद विभाग को धन्यवाद दिया, कैदियों ने अल्पविराम कार्यक्रम उनके खुद के जीवन से जुड़ा होने के कारण भविष्य में इसे लगातार करने हेतु जेल प्रशासन से आग्रह किया, अंत में प्रेरणा गीत के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ  


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