प्रधान आरक्षकों ने नक्शा मौका की तर्ज पर बनाया रिश्तों का मैप
छतरपुर। पदोन्नत प्रधान आरक्षकों के साथ आनंद विभाग का अल्प विराम कार्यक्रम पुलिस कार्यप्रणाली के अनुसार संचालित किया जा रहा है। तीसरे सत्र में पुलिसकर्मियों ने नक्शा मौका की तरह अपने खुद के रिश्तों का मैप बनाया और उसमें यह भी चिन्हित किया कि उनका कौन सा रिश्ता उनके पास है और कौन सा रिश्ता उनसे दूर। राज्य आनंद संस्थान के मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी एवं रामकृपाल यादव ने शांत समय दिलाकर प्रधान आरक्षकों से कहा कि वह याद करें कि व कौन सा रिश्ता है जिसे याद करके उनका आनंद बढ़ जाता है अथवा जिसे याद करके उनका आनंद घट जाता है। दूर के रिश्तों को नजदीक लाने हेतु किए जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा हुई। प्रधान आरक्षकों ने अपने नजदीकी और दूर के रिश्तों को बताते हुए कहा कि कुछ रिश्ते वह ठीक भी करना चाहते हैं पर सामने वाला उन्हें ठीक होने देगा ऐसी कोई गारंटी नहीं है। कार्यक्रम में बताया गया कि संबंध को सुविधा के ऊपर तथा सही समझ को संबंध के ऊपर रखकर रिश्तों को सुधारा जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को संबंध के भाव के साथ जीना सहज स्वीकार होता है। यह समझ बनते ही व्यक्ति के भाव बदल जाते हैं। कुछ उदाहरण के माध्यम से सभी का ध्यान इस ओर गया कि एक जैसी ही गलती होने पर जहां हम खुद को भूलवश हुई गलती बताते हैं तो सामने वाले को जान-बूझकर गलती करने का दोषी ठहराते हैं। जैसे-जैसे हम सामने वाले की नीयत पर शंका करना छोड़ते हैं रिश्ते सुधरना शुरू हो जाते हैं तब हम सामने वाले की योग्यता बढ़ाने का भी प्रयत्न करते हैं। पुलिस लाइन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के साथ एक मनोरंजक खेल भी खिलाया गया जिसके माध्यम से उन्हें एकाग्रता एवं खुद से सतत् संपर्क में रहने का अभ्यास कराया गया।
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