कलेक्ट्रेट में आयोजित विशे़ष अल्प विराम सत्र में संभाग आयुक्त श्री रूपला ने कहा "खुद आनन्दित रहें और दूसरों को भी रखें" शिवराज सिंह, एडीएम / डॉ सत्यप्रकाश शर्मा, आनन्दम सहयोगी, ग्वालियर ग्वालियर / हमारे भीतर बहुत से अच्छे और सकारात्क विचार होते हैं । मगर हम जानते हुये भी उनके प्रति अनजान बने रहते हैं, यही प्रवृत्ति तनाव का कारण बनती हैं। उक्त आशय के विचार संभाग आयुक्त श्री एस एन रूपला ने कलेक्ट्रेट में आयोजित हुये विशिष्ट अल्प विराम सत्र में व्यक्त किये । ९ मई शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के जनसुनवाई सभागार में आनंद विभाग के अन्तर्गत आयोजित हुये अल्प विराम सत्र में श्री रूपला ने शासकीय सेवकों का आह्वान किया कि वे खुद भी प्रसन्न रहें और दूसरों को भी खुश रखें । उन्होंने कहा कि यह सर्व सत्य है कि यदि हम अच्छा सोचेंगे तो अच्छा ही होगा । श्री रूपला ने ग्वालियर जिले में आनंद विभाग के तहत चल रही गतिविधियों की सराहना की । उन्होंने कहा कि ग्वालियर में आनंद विभाग के तहत पूरे प्रदेश में सबसे अच्छा काम हुआ है। कलेक्टर डा संजय गोयल ने कहा हमें नकारात्क ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने की जरूरत है। यह काम साझा प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवक अनावश्यक तनाव ओढ़े रहते हैं, यदि वे हंसी खुशी अपने दायित्वों का निर्वहन करें तो बेहतर ढंग से काम कर सकेंगे,साथ ही खुद को खुश रखकर दूसरों को भी खुशी दे सकेंगें । अपर कलेक्टर एवं आनंद विभाग के नोडल अधिकारी शिवराज सिंह ने कहा हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही करते हैं और वेसे ही बन जाते हैं। इसलिये सदैव सकारात्क सोचो। आनंदम सहयोगी डा सत्यप्रकाश शर्मा ने जिले में चल रहे अल्प विराम कार्यक्रम पर प्रकाश डाला साथ ही अल्पविराम सत्र का संचालन किया । इस अवसर पर एसडीएम श्री महिप तेजस्वी व श्री रिंकेश वैश्य तथा तहसीलदार श्रीमती भूमिजा सक्सेना तथा कलेक्ट्रेट के शासकीय कर्मचारी मौजूद थे । ग़ौरतलब है कि ग्वालियर कलेक्टरेट में हर शनिवार को अल्पविराम सत्र आयोजित किया जाता है इस आशय का स्थाई आदेश एडीएम श्री शिवराज सिंह ने जारी किया है । यदा कदा अल्पविराम का वशेँष सत्र भी आयोजित किया जाता है जिसमें आनन्द विभाग की थीम पर कार्य करने वाली आध्यात्मिक संस्थाओं के लोगों को बुलाया जाता है उसी तारतम्य में इस सत्र में ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय से बहिन अवधेश दीदी, बहिन पूजा व बहिन ज्योति को, तथा रामकृष्ण आश्रम से स्वामी सुप्रदीप्तानन्द जी व रामचन्द्र आश्रम से श्री विनय गोरे को बुलाया गया था सभी ने अन्दर से आनन्द खोजने के लिये विभिन्न विचार प्रस्तुत किये । सकारात्मक विचार रचनाशील होते हैं – बहिन पूजा प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्व विद्यालय फरीदाबाद से पधारी बहिन पूजा दीदी ने कहा कि सकारात्मक विचार रचना करते हैं और नकारात्मक विचार तनाव बढ़ाते हैं । उन्होंने कहा कि परिस्थिति के अनुसार विचार जन्म लेते हैं । इसलिये आवश्यकता इस बात की है कि हम मन पर बुद्धि का नियंत्रण रखें । अगर हम बुद्धि का उपयोग करेंगे तो कभी गलत मार्ग पर नहीं जा सकते । पूजा दीदी ने कहा कि आत्मा शरीर की चालक होती है । इसलिये हमें सद्-विचारों से आत्मा की तृप्ति करते रहना चाहिये । तभी हम तनावमुक्त होकर जीवन यापन कर सकेंगे । अल्प विराम कार्यक्रम में भोपाल से आई प्रजापति ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की प्रमुख सुश्री अवधेश दीदी, रामकृष्ण आश्रम ग्वालियर के प्रमुख स्वामी सुप्रदीप्तानंद जी, प्रजापति ब्रह्मकुमारी वि वि ग्वालियर की बहिन ज्योति दीदी एवं रामचंद्र आश्रम भदरौली के श्री विनय गोरे ने भी विचार व्यक्त किये ।
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