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शिवपुरी जेल में अल्पविराम शिविर

प्रेषक का नाम :- इंजीनियर एके जैन पीडब्ल्यूडी पीआईयू शिवपुरी
स्‍थल :- Shivpuri
02 Nov, 2022

सर्किल जेल शिवपुरी में जिला आनंद संस्थान आनंद विभाग शिवपुरी के द्वारा बंदियों के लिए अल्पविराम कार्यक्रम का पांच दिवसीय शिविर आज दिनांक 2 नवंबर 2022 को संपन्न हुआ। इस शिविर का प्रारंभ 29अक्टूबर 2022 को 20 बंदियों के साथ नवागत जेल अधीक्षक श्री रमेश चंद्र आर्य के मार्गदर्शन में प्रथम दिवस की शुरुआत प्रेरक प्रार्थना गीत" इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना"से हुई। राज्य आनंद संस्थान द्वारा मध्यप्रदेश में किए जा रहे कार्यों सेअवगतकरायागयाएवंअल्पविराम का महत्व और उसका परिचय विस्तार से जिले के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर अभय कुमार जैन मास्टर ट्रेनर के द्वारा दिया गया।बंदियों को डायरी एवं पेन का निशुल्क वितरण किया गया।दूसरा दिवस का प्रारंभ" इतनी शक्ति हमें देना दाता"प्रेरक गीत से शुरू हुई ,उन्हें अल्पविराम का सामान्य परिचय दिया गया उपरांत सीसीडी कनेक्शन, करेक्शन,डायरेक्शन संपर्क सुधार और दिशा टूल्स के माध्यम से स्वयं से मुलाकात करने के लिए अंतःकरण में जाकर स्वयं से संवाद और संबंध करने और उसके बाद सुधार और अंतःकरण में स्वयं ही दशा का बोध प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया गया। "तोरा मन दर्पण कहलाए"गाना लैपटॉप के द्वारा सुनाया गया उसके बाद शांत समय एवं बंदियों के विचारों की साझेदारी हुई। आत्म पोषण के लिए "प्रकृति हमें क्या संदेश देती है" प्रश्न देकर दूसरे दिवस की समाप्ति हुई। तीसरा दिवस का प्रारंभ"प्रकृति हमें क्या संदेश देती है"प्रश्न की साझेदारी से की गई। 5 बंदियों द्वारा डायरी में लिखे हुए विचारों को साझा किया गया,इसके उपरांत प्रार्थना गीत" दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना" से सत्र की शुरुआत हुई।श्री अभय कुमार जैन द्वारा फ्रीडम गिलास सत्र के माध्यम से स्वयं के अंतः करण में छिपी हुई नफरत, जलन, भ्रष्टाचार,अहंकार की स्वयं के जीवन की कहानियों के माध्यम से अंतः करण को दिखाने का अवसर प्रदान किया गया। इसके पश्चात 10 मिनट का शांत समय देकर बंदियों ने भी अपने जीवन की कहानियों को साझा किया "दिल के टुकड़े हजार हुए कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा" गीत सुनाकर उन्हें शांत समय दिया गया एवं उनके द्वारा स्वयं के विचारों की साझेदारी की गई । आत्म पोषण के लिए दो प्रश्न दिए गए। अगले दिन सुबह शांत समय लेने के लिए प्रेरित किया गया। चौथा दिवस का प्रारंभ आत्मापोषण के प्रश्नों की साझेदारी से किया। 8 बंदियों द्वारा साझेदारी की ।स्वयं के जीवन का लेखा-जोखा मदद के दो प्रश्नों से हुई,लगभग सभी अट्ठारह बंदियों ने मदद के प्रश्नों की साझेदारी की।शांत समय लेकर कृतज्ञता के भावों से मदद देने और प्राप्त करने वालों के लिए धन्यवाद के भावों को अभिव्यक्त किया। तालियों की धीमी और तेज गति हाथों के इशारे से करवाई गई। अंत में आत्म पोषण के प्रश्नों को देकर चौथे दिवस का समापन हुआ। पांचवी दिवस का प्रारंभ चौथे दिवस के प्रश्नों की साझेदारी से हुई प्रार्थना गीत आर्य समाज के वयोवृद्ध कार्यकर्ता श्री रमेश चंद शर्मा द्वारा किया गया। जीवन का लेखा-जोखा के शेष दो प्रश्न मुझे किन-किन लोगों ने कष्ट दिया एवं मैंने किन-किन लोगों को कष्ट दिया से प्रारंभ हुआ। शांत समय के उपरांत कष्ट वाले प्रश्नों की साझेदारी की गई।बंदियों द्वारा माफ करना और माफी मांगना विधि को साझेदारी की गई।बंदियों ने आपस में गले लगते हुए कार्यक्रम का समापन किया। अल्पविराम कार्यक्रम के इस पांच दिवसीय सत्र में सर्किल जेल के अधीक्षक श्री रमेश चंद्र आर्य, जेलर श्री दिलीप सिंह,जेल शिक्षक श्री राम गोपाल रैकवार एवं जेल स्टाफ के समस्त कर्मचारी/अधिकारियों का पूर्ण रूप से सहयोग रहा।


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