छतरपुर जिला अदालत में जजों और स्टाफ ने लिया अल्पविराम
छतरपुर।। , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य आनंद संस्थान की ओर से शनिवार को जिला अदालत के एडीआर सेंटर में अल्पविराम सत्र लखनलाल असाटी, श्रीमती आशा असाटी, राम कृपाल यादव, शिव नारायण पटेल एवं श्रीमती नीलम पांडे ने संपन्न कराया, सत्र में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हृदेश ने कहा कि अदालत में पक्षकारों के साथ अच्छा बर्ताव हमारा आनंद बढ़ाएगा, गलती से कोई पक्षकार किसी दूसरे कोर्ट में पहुंच गया है तो उसे हम अपने चपरासी से सही कोर्ट में भिजवा दें यह भी एक तरह की मदद है जो हमारा आनंद बढ़ाएगी, उन्होंने इस तरह की छोटी-छोटी बातों पर सभी को ध्यान देने की समझाइश दी,अल्पविराम कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला न्यायाधीश श्री अनिल कुमार पाठक,जिला अदालत के अन्य न्यायाधीश गण, श्री सुधांशु सिन्हा,श्री राजेश कुमार देवलिया, श्री राजेश कुमार अग्रवाल, श्री जगदीश चंद्र राठौर, श्री राजू सिंह रावत, श्री दीपक चौधरी, श्री महेंद्र सिंह रावत,श्री अनुराग सिंह, श्रीमती प्रियंका चौहान, प्रशासनिक अधिकारी श्री बीवी पटेल जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री हेमंत कुशवाहा सहित नाजिर, रिकॉर्ड रूम स्टाफ और अदालत के अन्य कर्मचारी उपस्थित थेआनंदम सहयोगी लखनलाल असाटी ने कुछ सवालों के माध्यम से सत्र का संचालन किया, मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है मेरे जीवन का आनंद क्या है मेरा आनंद कब और कैसे घटता और बढ़ता है,उपस्थित सभी सहभागी ने कुछ शांत समय लेकर अपने अपने विचार रखें और बताया कि उनके जीवन का उद्देश्य सुख और शांति पूर्वक रहना है, किसी ने कहा कि वह खुद भी सुखी रहना चाहते हो दूसरों को भी सुखी देखना चाहते हैं, किसी ने कहा कि वह खुद के लिए समय निकालना चाहते हैं, तनाव मुक्त रहना चाहते हैं,जीवन का संतुलन बनाना चाहते हैं आदि आदि*जब न्यायाधीश ने चुकाया जुर्माना* प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हृदेश ने बताया कि 24 साल पहले एक महिला की मदद उन्हें आज भी याद है, पाटन की अदालत में आबकारी एक्ट में एक महिला पर उन्होंने ₹300 जुर्माना किया था पर अदालत उठने तक उन्होंने देखा कि वह जुर्माना नहीं भर सकी है उसके वकील ने कहा कि उसे खुद ही वकालत का पैसा नहीं मिला है अदालत के मुंशी और स्टाफ भी मदद करने की स्थिति में नहीं थे जब महिला का के जेल वारंट बनने की स्थिति आई तो उन्होंने अपनी तरफ से जुर्माना भर दिया, लगभग 3 माह बाद वह महिला उनकी अदालत में आई और सबके सामने डायस पर उसने मुझे ₹300 पेश किए मैंने कहा यह क्या है तो महिला ने बड़ी विनम्रता से बताया यह रिश्वत नहीं है यह तो 3 माह पहले आपने जो मेरी जुर्माने की राशि दी थी वह लौटा रही हूं निश्चित रूप से मैं समझ पा रहा था यह महिला कितनी गरीब है कि उसको ₹300 इकट्ठा करने में भी 3 माह लग गए उन्होंने कहा कि अदालत के कर्मचारियों को तनाव मुक्त रहने और खुद की सेहत का भी ध्यान रखना होगा इसके लिए वह योग और अल्पविराम के और भी सत्र आयोजित करना चाहेंगेअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अनिल कुमार पाठक ने कहा कि अल्पविराम खुद से मुलाकात का कार्यक्रम है और हमें खुद की आवाज सुनने का अभ्यास करना चाहिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुधांशु सिन्हा ने आनंद विभाग की गतिविधियों को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे सभी के लिए उपयोगी बताया अंत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा अल्पविराम की टीम को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया
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