विचारों के मंथन से, आनंदपूर्वक जीने, और मानवोचित कर्तव्य की प्रेरणा है, ""अल्पविराम""
मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग द्वारा सकारात्मकता के साथ परिपूर्ण जीवन जीने की कला पर केंद्रित निशुल्क हैप्पीनेस प्रोग्राम "अल्पविराम"* कार्यक्रम का आयोजन इस इनर इंजीनियरिंग "आत्मानुभूति" कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के माध्यम मानसिक शांति, तनाव मुक्ति,रिश्तो में मधुरता, किसी जरूरतमंद की सेवा से प्राप्त अद्वितीय आनंद अच्छा स्वास्थ्य,एकाग्रता,आनंद सकारात्मकता के साथ परिपूर्ण जीवन जीने की कला से साक्षात्कार हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अखिलेश अर्गल एवं सलाहकार सत्य प्रकाश आर्य के उदबोधन से हुआ। पांच दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिवस कटनी से श्रीमती मनीषा कामले द्वारा आनंद की ओर सत्र द्वारा स्वयं कैसे आनंदित रहा जा सकता है इस विषय पर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया अगले दिवस इंदौर जिले के मास्टर ट्रेनर श्री विजय मेवाड़ा द्वारा बताया विचारों के मंथन से स्वयं के लिए आनंदित रहने व मानव कल्याण की दिशानिर्दिष्ट कर मानवोचित कर्तव्य की प्रेरणा है "अल्पविराम" जैसे हम हमारे दैनिक आय-व्यय का हिसाब रखने के लिए वित्तीय लेखांकन बैंक डायरी संधारित करते हैं उसी प्रकार यदि हम अपने अच्छे बुरे कर्म की कैश बुक भी लिखें तो जान सकेंगे कि हमारी अच्छाइयों का क्रेडिट बढ़ाना है बुराइयों को डेबिट करना है क्योंकि यही कर्मों की पूंजी जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी हमारे साथ जाएगा।मेवाड़ा ने जीवन के संस्मरण साझा कर जीवन किन-किन लोगों आज तक आपकी मदद की उनके प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना आपने किन-किन लोगों की मदद की उस मदद के प्रतिफल मैं आपको जो संतोष और हर्ष की अनुभूति जिसे ना कोई चुरा सकता है और ना ही कोई छीन सकता है यही आत्मीय आनंद है। सत्र को आगे बढ़ाते हुए बुरहानपुर से मास्टरट्रेनर संजय गुप्ता द्वारा लाइफ बैलेंस शीट के अगले प्रश्नों पर चिंतन कराते हुए कहा यदि जाने अनजाने आप के माध्यम से कोई दुखी हुआ हो या आपने किसी को ठेस पहुंचाई हो,तो उससे उसे पत्र लिखकर फोन करके माफी मांगे मन का बोझ हल्का होगा। अगला दिवस रिश्तो पर आधारित रहा जिसमें मास्टर ट्रेनर मनीषा कांबले द्वारा बताया कैसे हम रिश्तो को मजबूत और रिश्तो में मधुरता लाकर पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को तनाव से बचा सकते हैं। इसके बाद मास्टर ट्रेनर नारायण फरकले ने बताया कैसे अल्पविराम कार्यक्रम में उनके जीवन को परिवर्तित किया और वे सकारात्मक जीवन की ओर अग्रसर होगा मास्टर ट्रेनर पुनीत मैंनी ने एक गुलदस्ते को प्रतीकात्मक रूप से दिखाते हुए चिंतन कराया क्या हम स्वयं को दुनिया के सामने जैसा सुंदर और खूबसूरत दिखाने की कोशिश करते हैं कि हम अंदर से भी वैसे ही है या दोनों कोई बीच कोई अंतर्द्वंद है। स्टेट मास्टर ट्रेनर प्रदीप मेहतो द्वारा अपने जीवन के संस्मरण साक्षात्कार प्रेरक वीडियो एवं सुंदर गीत गाकर सत्र को गरिमा प्रदान की। प्रतिभागियों की ओर से शरीर में उमेश कुमार जी सत्र के दौरान मुझे एहसास हुआ कि हमारे घर में काम करने वाली बाईया भी मजबूरी व विषम परिस्थितियों के चलते ऐसा छोटा काम करती हैं उसे पूरा सम्मान देते हुए बेटी की तरह व्यवहार करूंगा। मनीष शांति पिपले ने कहा कि जब 8 साल का था बर्फ के ठेले पर काम करता था ₹20 रोज मिलते थे जिससे पढ़ाई कर मैंने अपनी शिक्षा दिक्षा पूर्ण की मैं उन बर्फ के ठेले वाले साहू जी को जीवन का आधार मानते हुए धन्यवाद पत्र लिखूंगा दिनेश चौधरी ने कहा हमारे गांव में एक गरीब बच्चे ने खींच के अभाव में पढ़ाई छोड़ दी हम सभी दोस्तों ने ₹20000 एकत्र कर उसको पुनः कॉलेज में एडमिशन कराया आज वह बच्चा ग्रेजुएट है और व्यवस्थित जीवन जी रहा है देखकर सुकून मिलता है।
यश पाराशर ने कहा कि दूसरों की सेवा करने में अद्वितीय खुशी मिलती है आज तक सैकड़ों लावारिस लाशों का दाह संस्कार और गरीबों की सेवा का कार्य रक्तदान का कार्य मेरे द्वारा किया जा रहा है जो निश्चित रूप से रोज नई ऊर्जा और उत्साह का कारक बनता है ।कार्यक्रम में 40 प्रतिभागियों ने सहभागिता की श्री यश पाराशर उमेश कुमार महालकरी निर्लेश तिवारी पप्पी शर्मा,दिनेश चौधरी राधा दुबे हरिओम दुबे अनिल चौरे राज कुमारी गुप्ता नीरज गुप्ता रचना चापेकर पिंकी सक्सेना बबीता शर्मा हेमेंद्र शर्मा रजनीश सक्सैना वंदना पालीवाल चंद्रशेखर धाकड़ राजेश सिसोदिया मनीष शांति पिपले एवं अशोक पाल सिंह रुड़की ने सक्रिय सहभागिता की।
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