मध्यप्रदेश के छात्र सीखेगें आनंद के गुर
भोपाल । मध्यप्रदेश आनंद विभाग की पहल पर स्कूली छात्रों के लिए स्कूलों में आनंदित रहने की विघा पर आधारित कार्यक्रम ‘’आनंद सभा’’ का संचालन किया जाएगा । मध्यप्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं आनंद विभाग की ईकाई राज्य आनंद संस्थान ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम के संचालन हेतु सी.एम.राईज स्कूलों एवं उत्कृष्टता विद्यालय के प्राचार्य एवं उप-प्राचार्यो के साथ एक कार्यशाला दिनांक 10 से 15 मई के दौरान आयोजित की ।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को आनंद के आधारभूत बातों को स्पष्ट किया गया । जिसमें बताया गया कि मनुष्य को आनंदित रहने के लिए समझ संबंध एवं सुविधा तीनो तत्वों की आवश्यकता होती है । कार्यशाला में संदर्भ व्यक्ति के रूप में UHV के प्रबोधक श्री भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मानव चार अवस्थाओं में रहता है, जिसमें प्रदार्थ, प्राण, जीव अवस्था में सभी जी लेते है । ज्ञान अवस्था में पहॅुचने पर व्यक्ति अपने आंतरिक आनंद को पहचान पाता है । मानव स्वयं, परिवार, समाज एवं प्रकृति के साथ समरसता (हारमोनी) में अपना कार्य व्यवहार समझ जाए तो आनंदित रहते हुए दूसरो को भी आनंदित रख पाने में सक्षम हो सकता है। कार्यशाला के दौरान वर्तमान परिस्थितियों में आनंद के बाधक तत्वों पर चर्चा की गई तथा उनके समाधान के लिए समझ पर ध्यान देने की बात की गई ।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक श्री के.के. द्विवेदी, अपर संचालक श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अखिलेश अर्गल, सलाहकार श्री सत्यप्रकाश आर्य उपस्थित थे । श्री अर्गल ने बताया कि इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र से आनंद सभा कार्यक्रम सी.एम.राइज विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए शुरू किया जा रहा है । आगामी समय में इसे प्रदेश के सभी विद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश के चयनित सी.एम.राइज विद्यालयों के 135 प्राचार्य, शिक्षा विभाग से श्री फारूख, UHV से श्री गोपाल, श्री अभिजीत राय, श्री महर्षि माथुर, राज्य आनंद संस्थान के आनंदक डॉ. रूपा आनंद, श्री रमेश व्यास, श्रीमती उषा व्यास, श्री लखनलाल असाटी, श्री बलबीर सिंह बुंदेला, श्री शिरीष सुमन शर्मा ने कार्यशाला संचालन में मदद की ।
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