आनंद कार्यक्रम में बोले शिक्षक जब कोई काम करके मन मे सन्तोष का भाव और चेहरे पर मुस्कान आ जाये वही जीवन का असली आनंद
श्योपुर- श्योपुर जिले के पांच दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम की शुरुआत राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग द्वारा की गई जिसमें श्योपुर जिले के 40 प्रतिभागी भाग ले रहे है कार्यक्रम की शुरुआत में रायसेन जिले की मास्टर ट्रेनर वर्णा श्री वास्तव ने सभी प्रतिभागियों से परिचय लिया उंसके बाद मास्टर ट्रेनर राजा ने आनंद विभाग का परिचय दिया और राज्य आनद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अखिलेश अर्गल ने सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अल्पविराम आनंद को अनुभव करने का कार्यक्रम है यह कार्यक्रम केवल आनंद की राह दिखा सकता है मगर चलना आपको ही पड़ेगा । हमारी सफ़लता ओर आर्थिक स्थिति का कोई आनंद से सीधा सम्बद्ध नही होता एक सीमा के बाद आर्थिक स्थिति भी हमे ज्यादा आनंदित नही बना सकती हमारी खुशी का 50 प्रतिशत भाग अनुवांशिक होता है और 10 प्रतिशत भाग हमारी परिस्थितियों पर निर्भर करता है जबकि शेष 40 प्रतिशत भाग हमारी मनोस्थिति पर निर्भर करता है उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि अल्पविराम को हमे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। इसके पश्चात मास्टर ट्रेनर प्रदीप मुदगल जी ने आनंद की ओर सत्र लिया जिसमे प्रतिभागियों मेसे रघुवीर गुप्ता जी ने बताया कि जब कोई काम करके दिल से खुशी महसूस करके चेहरे पर मुस्कान देखता हूं ओर मन मे सन्तोष का भाव हो तो मन आनंदित हो उठता है।और जब मेरे मन के मुताबिक काम मिलता है तो स्वत ही आनंदित हो उठता हु ओर मुझे लगता है कि जबर्दस्ती कोई आदेश निकाल कर काम करवाया जाता है तो मुझे दुख होता है और मेरा आनंद घट जाता है बोरियत महसूस होती मगर मन को लगता है की सरकारी आदमी है काम तो करना ही है इसके बाद विनोद बिसरिया ने शेयर किया कि निस्वार्थ भाव से मदद करते है तो आनंद आता है में ब्लड मोटिवेशनल टीम का सदस्य हु लोग मदद के लिए मेरे पास फोन लगाते है अनजान लोगों की मदद करने पर मन मे बड़ा आनंद का भाव जागृत होता है और लगता है कि आज हमने कुछ नेक कार्य किया है । जब लोग धन्यवाद देते है तो आनंद ही मिलता है और जब किसी की मदद नही कर पाते है तो मन मे मलाल रहता है और दुखी हो जाता हूं। धर्मेंद्र सिंहल जी ने बताया कि में एक शिक्षक हु जब बच्चो को पढ़ता हूं तो आनंद आता है ओर अंत मे अंकित वैष्णव जी ने शेयर किया कि मेरी नजर में आनंद एक अवस्था है जिसमे हम सब दुख दर्द भूल जाते है और जब किसी की मदद को याद करते है तो आनंद को महसुस करते है और बाद में आत्म पोषण के प्रश्न देकर राजा खान ने एक गीत के माध्यम से प्रथम के कार्यक्रम का समापन किया।इस कार्यक्रम में लगभग 32 प्रतिभागियों ने अंत तक भाग लिया कार्यक्रम में ग्वालियर मास्टर ट्रेनर डॉ रूपा आनंद, रायसेन मास्टर ट्रेनर वर्णा श्रीवास्तव खंडवा जिले की मास्टर ट्रेनर शिल्पी राय श्योपूर जिले के मास्टर ट्रेनर राजा खान,प्रदीप मुदगल जी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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