अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस (22 अप्रैल) के अवसर पर राज्य आनंद संस्थान की पहल पर भोपाल आनंद टीम ने मातृभूमि दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किये।
राज्य आनंद संस्थान की पहल पर भोपाल जिले में अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस के कार्य्रक्रम आयोजित किये जाने थे। इसके लिए भोपाल जिला प्रशासन, जिला आनंदक टीम, और जिला मास्टर ट्रेनर एवं आनन्दको ने 22 अप्रैल को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये इसी शृंखला में भोपाल के चिनार पार्क में सुबह से कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्यरूप से अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस पर परिचर्चा, पेनल डिस्कसन, जागरूकता अभियान, सांस्कृतिक कार्यक्रम,वक्षारोपण एवं पृथ्वी कृतज्ञता संकल्प का सफल आयोजन किया गया। जिसमे भोपाल जिले के मास्टर ट्रेनर, जिला आनंद सहयोगी, आनंदक, विषय विशेषज्ञ, समाजसेवी, गणमान्य सिनियर्सिटीजन, विद्यार्थी और बच्चे शामिल हुए।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस पर परिचर्चा में जिले के मास्टर ट्रेनर श्री शैलेन्द्र सिंह डाबी ने सम्बोधित करते हुए अपने विचार सभी से साझा करते हुए मातृभूमि के संरक्षण और पर्यावरण पर जागरूकता और आमजन जी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। पेनल डिसकसन में श्री डाबी जीने कहा की यह दिन हमे याद दिलाता है की हमारा अस्तित्व स्वस्थ और मानव की सम्पूर्णता भूमि के स्वच्य पर्यावरण पर निर्भर है। इसको इस कोविडकाल में स्व्च्य ऑक्सीजन की उपजोगिता स्वरूप बहुत अच्छे से जाना है। भूमि माँ के गर्भ मे से निकले खनिज प्रदार्थ सभी मानव की आवश्यकता पूरी करने के साथ सभी का जीवन सुखमय बनाने में विशेष सहायक रहते ही है। भूमि से प्ऱप्त अनाज, वनस्पति,पेड़ पौधे स्व्च्य वायु और कई प्राकृतिक संसाधन से हमे जीवन का आधार ही भूमि माँ हमे पोषित करती रही है नदी,जल,पहाड़,ग्लेशियर,तालाब इन सब के बिना पृथ्वी पर जीवन ही सम्भव नहीं ये सब हमे निरंतर पोषित करते रहते है। हमे इतना सब कुछ निस्वार्थ निरंतर प्रदान करने वाली भूमि माँ के लिए ह्रदय से कृतग्यता और इसके संरक्षण और सवर्धन के लिए लोगो को प्रेरित करने के भाव से राज्य आनंद संस्थान ने पुरे प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस (22 अप्रैल) के अवसर पर कई गतिविधियों का आयोजन करने को प्रदेश के सभी आनन्दको को प्रेरित किया। इसी के तहत भोपाल अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस के ये सुंदर आयोजन हो रहे है और सभी की भागीदारी और सहयोग से इसे सार्थक आयोजन निश्चित ही आमजन को और प्रदेशवासियो के लिए प्रेरणादायक होंगे। श्री अशोक स्वर्णकार ने अपने भाव व्यक्त करते हुए बताया की अपना छोटा सा योगदान दे सकते है जिससे समस्त ब्रह्माण्ड मे जीवन के लिये उपयुक्त एकमात्र ग्रह को हम बचा सके और अपनी अगली पीढ़ी को एक बेहतर वसुंधरा दे सकें।
श्री जे पी आनंद जी श्री सिद्धार्थ त्रिवेदी जी श्री विजय जैन जी सुश्री प्रियंका जी श्री मुकेश खाण्डे जी श्री जोहर जी श्री विशाल जी श्रीमती नूतन जी ने भी अपनी बात सभी से साझा करते हुए बताता की ऐसे कई तरीके हैं जिसे हम अकेले और सामूहिक रूप से अपनाकर धरती को बचाने में योगदान दे सकते हैं। वैसे तो हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए, लेकिन अपनी व्यस्तता में व्यस्त इंसान यदि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन ही थो़ड़ा बहुत योगदान दे तो धरती के ऋण को उतारा जा सकता है। हम सभी जो कि इस स्वच्छ श्यामला धरा के रहवासी हैं उनका यह दायित्व है इस दौरान सभी ने संकल्प सूत्र के अंतर्गत संकल्प लिया की पृथ्वी पर खुशनुमा जगह बनाने के लिए प्रयासरत रहेंगे और भूमि माँ पर आनंद का वातावरण निर्माण में सहयोगी बनेगे। साथ ही संकल्प लिए की क्या दैनिक जीवन में आज से दिनचर्या का हिस्सा बंनाने की कोशिस करेंगे :- बाजार जाते समय साथ में कपड़े का थैला, जूट का थैला या बॉस्केट ले जाएं। पॉलीथिन के थैलों से जितना बच सकते है, बचें। पॉलीथिन के थैलों को एक बार इस्तेमाल कर फेंकने के स्थान पर उनका पुन: प्रयोग करने का प्रयास करे। स्थानीय अखबारों में चिट्ठिया लिखकर, स्कूल में पोस्टर के द्वारा या प्रजेंटेशन से इस मसले पर जागरुकता फैलाने का काम करे बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे अपने पुराने खिलौने तथा गेम्स ऐसे छोटे बच्चों को दे दें जो कि इसका उपयोग कर सकते हैं। एक तरह से यह रिसाइक्लिंग प्रक्रिया ही होगी क्योंकि एक तो आपके घर की सामग्री नष्ट होने से बच जाएगी, दूसरे जिसे वह मिलेगी उसे बाहर से पर्यावरण के लिए नुकसानदायक सामग्री खरीदनी नहीं पड़ेगी। इससे बच्चों में त्याग की भावना भी बलवती होगी। केवल बच्चों ही नहीं बड़े लोग भी अपने कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान तथा पुस्तकें भेंट कर सकते हैं। 5.कार्बन आधारित ऊर्जा का संरक्षण करे, कम से कम बिजली, पेट्रोल, डिजल, खाना पकाने वाली गैस का प्रयोग करें। प्राकृतिक संसाधनो का सदुपयोग करें, उनकी बर्बादी से बचें। इसी दौरान सांस्कृतिक गतिविधि में गीत संगीत, स्वरचित कविता पाठ, प्रेरक भाषण वादविवाद, चुटकले एवं मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन भी सम्पन्न हुए। जिसमे गणमान्य सिनियर्सिटीजन, विद्यार्थी और बच्चे ने बढ़चढ़ कर प्रतिभागिता कर आनंद का लुप्त उठाया । जिसका संचालन सुश्री प्रियंका जी एवं अशोक स्वर्णकार जी ने किया। इसी दौरान श्री सिद्धार्थ जी के मार्गदर्शन और सहयोग से श्री शैलेन्द्र सिंह डाबी, श्री अशोक स्वर्णकार श्री जे पी आनंद श्री विजय जैन सुश्री प्रियंका श्री मुकेश खाण्डे श्री जोहर जी श्री विशाल श्रीमती नूतन और गणमान्य सिनियर्सिटीजन, विद्यार्थी और बच्चे ने 51 विभिन्न फलदार पोधो का वक्षारोपण कार्यक्रम बड़े उत्साह और प्राकृतिक प्रेम के भाव से सम्पन्न किया। अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस (22 अप्रैल) को भोपाल जिले में वृहद रूप से मनाने के लिए भोपाल जिला नोडल अधिकारी, जिला प्रशासन, राज्य आनंद संस्थान की भोपाल आनंद टीम और आनंद मास्टर टीम, आनंद सहयोगी और आनन्दको का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन श्री अशोक स्वर्णकार जी और आभार प्रदर्शन सुश्री प्रियंका जी ने किया।