प्रदेश के स्कूली बच्चों की आनंद सभा, सकारात्मकता विषय पर बच्चों ने पूछे क्रोध और तनाव से दूर रहने के उपाय
छतरपुर, आनंद विभाग के राज्य आनंद संस्थान द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित की जाने वाली आनंद सभा 7 जनवरी को छतरपुर से श्रीमती आशा असाटी व लखनलाल असाटी द्वारा संचालित की गई सकारात्मकता विषय पर आयोजित आनंद सभा में पूरे प्रदेश के सैकड़ों स्कूली बच्चों ने सहभागिता की और सकारात्मकता हेतु उपाय और उनके लाभो की जानकारी प्राप्त की, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश कुमार अर्गल और सलाहकार सत्य प्रकाश आर्य ने आनंद सभा की सफलता हेतु स्कूली बच्चों और संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया
रोचक कहानियों और विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से संचालित की जा रही आनंद सभा में स्कूली बच्चे पूरे उत्साह और मनोयोग से सम्मिलित हो रहे हैं आशा असाटी ने कोलंबस के नाविकों के बीच हुए संवाद की कहानी सुनाते हुए कहा कि किस तरह एक सकारात्मक व्यक्ति संसाधनों के अभाव के बावजूद अपने साहस से अद्भुत सफलता प्राप्त कर सकता है, लखनलाल असाटी ने बताया कि दृष्टिकोण का जीवन में कितना महत्व है एक भंवरा वैज्ञानिक दृष्टि से उड़ने में सक्षम नहीं होना चाहिए पर वह लगातार प्रयासों से उड़ पाता है और एक हाथी जो अत्यंत शक्तिशाली होने के बावजूद अपनी नकारात्मक धारणा के कारण साधारण सी रस्सी के बंधन को नहीं तोड़ पाता है, खरगोन शिवपुरी ग्वालियर दमोह कटनी अशोकनगर छतरपुर आदि अनेक जिलों के स्कूल अपनी स्मार्ट क्लास के माध्यम से आनंद सभा में जुड़े और बच्चों ने अनेक तरह के प्रश्न भी किए अधिकतर बच्चे परीक्षा के समय तनाव मुक्त रहने और अपने क्रोध पर नियंत्रण पाने हेतु प्रश्न कर रहे थे, बच्चों से कहा गया कि यदि वह पूरे साल लगातार सकारात्मक सोच के साथ उत्साह से पढ़ाई करते हैं तो उन्हें परीक्षा के समय कुछ भी असहज नहीं लगता है क्रोध पर नियंत्रण के लिए कोई भी विचार आने पर थोड़ी देर शांत रहना है कई बार कोई चीज तुरंत में खराब लगती है पर कुछ समय बाद वही चीज बहुत अच्छी लगने लगती है
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