सफलता के शिखर पर भी हम खुश क्यों नहीं : अखिलेश अर्गल
राज्य आनंद संस्थान द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल ने कहा कि हावर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च यह बताती है कि सफलता के शिखर पर बैठे लोग भी खुश नहीं है, जीवन में सफलता और संपन्नता क्या हमें लगातार खुश रख पाती है, यह बड़ा मुद्दा हैप्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक लखनलाल असाटी ने 5 दिन सत्रों का संचालन अपने सहयोगियों रमेश व्यास, सुनीता गोधा, मंजूषा शर्मा और आशा असाटी के साथ किया, कार्यक्रम के दौरान यह बात सामने आई कि आंतरिक परिस्थितियों पर खुशी की निर्भरता अधिक है जैसे जैसे हम खुद से रिश्ता मजबूत करते हैं खुद के संपर्क में आते हैं और खुद से बातचीत करते हैं तो खुद में सुधार होता है और जीवन को नई दिशा मिलती है प्रत्येक मामले में खुद की सहज स्वीकृति ही हमें खुशी प्रदान करती है और यह भाव मान्यताओं और संवेदना के आधार पर बदलता नहीं है,प्रतिभागियों ने भी जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों पर शांत समय लेकर अपने खुद के अनुभव साझा किए और बताया कि जब वह है शांत होकर खुद से बातचीत करते हैं तो अधिक सकारात्मक होते हैं, प्रशिक्षण के दौरान आनंद की ओर, लाइफ बैलेंस शीट, रिश्ते, चिंता का दायरा प्रभाव का दायरा तथा संपर्क सुधार व दिशा पर विस्तार से चर्चा की गई
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