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*परिवार की खुशी के लिए मजबूरी में अपनाया यह कैरियर पर अब खुश - अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त शिक्षकों के साथ अल्पविराम*

प्रेषक का नाम :- जिला संपर्क व्यक्ति आनंद लखन लाल असाटी छतरपुर
स्‍थल :- Chhatarpur
22 Dec, 2021

 छतरपुर,ई दक्षता संवर्धन केंद्र जिला पंचायत में इन दिनों छतरपुर जिले के सरकारी स्कूलों में पदस्थ 15 प्रयोगशाला शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और यह सभी शिक्षक अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले लोग हैं, दक्षता केंद्र प्रभारी नीरज बाजपेई की उपस्थिति में आनंदम सहयोगी लखन लाल असाटी ने इनके साथ अल्पविराम सत्र संपन्न किया तो उन्होंने अपने दिल की बात रखी, सरकारी सेवा में रहे पिता या पति की मौत के बाद उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली है, कुछ लोगों के लिए यह परिवार को पालने का साधन बना तो कुछ लोगों को इसके लिए अपने दूसरे कैरियर को छोड़ना पड़ा पर वह सभी आज अपने परिवार के साथ आनंद की अनुभूति कर रहे हैं

रजत पांडे,दीपक राज अहिरवार,शुभम जैन, रूपम खरे, कुमारी विवेकी कुशवाहा, राघवेंद्र अग्निहोत्री, विकास गुप्ता, देवदास शिवहरे, स्मृति नामदेव, जसवंत पटेल, अरविंद पटेल, कृपांश पाठक,अंकित जैन आदि ने शांत समय लेने के बाद उनके जीवन में आनंद क्या है और यह कैसे घटता बढ़ता है इस पर विचार साझा किए, रजत पांडे ने कहा कि वह प्राइवेट नौकरी नहीं छोड़ना चाहते थे पर मां की खुशी के लिए लगभग एक साल बाद उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, कुमारी विवेक कुशवाहा ने बताया कि पहले पिता और फिर माता के निधन से परिवार बड़े सदमे में था वह चार बहनें हैं कोई भाई नहीं है पर विवाहित बड़ी दीदी नूतन कुशवाहा ने बहुत मदद की, अब वह अपनी छोटी बहन को शिक्षा दिलाकर उसे भी नौकरी दिलाना चाहती है, शुभम जैन ने बताया कि वह राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं और दिल्ली में अपना खेल कैरियर बना रहे थे पर पिता की अचानक मृत्यु हो जाने पर परिवार की खुशी को सर्वोपरि मानकर खेल कैरियर का त्याग कर शिक्षक बन गए, श्रीमती रूपम खरे ने बताया कि उनकी ननद आराधना खरे और नंदोई नरेश खरे ने उनके पति की मृत्यु हो जाने के बाद बहुत अधिक मदद की उनका इकलौता बेटा पढ़ाई कर रहा है उन्हें तब अधिक निराशा होती है जब वह अपना सुख दुख किसी को साझा नहीं कर पाती हैं

दीपक राज अहिरवार ने बताया कि पिता की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद उन पर अपनी मां और दो छोटे भाइयों की जिम्मेदारी आ गई थी पर तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ हर्ष दीक्षित ने जब उन्हें बुलाकर बताया कि उनकी अनुकंपा नियुक्ति कर दी गई है तब उनके पास हर्ष दीक्षित द्वारा की गई इस निस्वार्थ मदद पर धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए शब्द नहीं थे अब वह अपने छोटे भाइयों के कैरियर के लिए समर्पित हैं 

शिक्षकों ने बताया कि सहायक अध्यापक पद के संविलियन के बाद उन्हें यह नौकरी मिली .  सभी शिक्षकों ने कहा कि पहले उन्हें अपना खुद का कैरियर दिखाई देता था पर परिवार में आई अचानक विपदा के बाद उन्होंने जब अपने परिवार की ओर देखा तब उन्हें लगा कि परिवार की खुशी में ही उनकी खुशी है और अब वह अपने परिवार के साथ रहकर अधिक आनंदित हैं


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