• भारतीय लोकतंत्र का जश्न मनाने के लिए ईसीआई द्वारा "मैं भारत हूं" गीत • आनंद उत्सव की सांख्यिकी • ऑनलाइन कौर्स : ए लाइफ ऑफ़ हैप्पीनेस एंड फुलफिल्मेंट

आनंदसभा " 40 किलो की वेल्डिंग मशीन सायकल पर रख पापा दूर गांवों में पैदल भटकते हैं,   उनको यह काम न करना पड़े, इसलिए अच्छी पढ़ाई कर पुलिस बनूंगा।"  

प्रेषक का नाम :- विजय मेवाड़ा जिला संपर्क व्यक्ति/समन्वयक राज्य आनंद संस्थान इंदौर
स्‍थल :- Indore
10 Nov, 2021

  राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म विभाग की छात्रों के लिए अभिनव प्रयास आनंद सभा का आयोजन शासकीय विद्यालय कदवाली में किया। प्रशिक्षक विजय मेवाड़ा ने छात्र-छात्राओं से चर्चा के दौरान बताया छात्रों के लिए सबसे जरूरी है कि उन्हें अपना लक्ष्य स्पष्ट हो फिर उस पर फोकस कर वह मेहनत करें, धैर्य रखें और अपनी ऊर्जा व्यर्थ की चीजों में खर्च न करें। असफलता से घबराए नहीं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है असफलता भी यह सिखाती है कि हमें क्या नहीं करना चाहिए। 20 सेकेण्ड की तालियों बजवा कर आनंददायी गतिविधि संपन्न हुई। तत्पश्चात एक प्रेरक कहानी ईदगाह का का श्रवण छात्र छात्राओं को कराते हुए उन्हें 5 मिनट शांत समय देकर एक प्रश्न पर चिंतन कराया प्रश्न था - यदि हामिद की स्थान पर तुम होते तो क्या करते?अधिकतर बच्चों का उत्तर था हम भी चिमटा लेकर आते। इसके बाद दूसरा प्रश्न तैयार था 5 मिनट का शांत समय लेते हुए इस प्रश्न पर चिंतन करेंगे- हमारे माता पिता कठिन परिश्रम एवं मेहनत मजदूरी कर हमारा पालन पोषण करते हैं उन्हें खुश रखने के लिए हम हामिद की तरह क्या प्रयास करेंगे? सभी बच्चों में सकारात्मक उत्तर दिया छात्र विकास जाटव ने कहा कि मेरे पिताजी 40 किलो वजन की बिल्डिंग की मशीन साइकल पर रखकर गांव गांव घूमते हैं और छोटे- मोटे लोहे के वेल्डिंग कर 10-10/ 20-20 रुपए इकट्ठा करते हुए मुश्किल से 100 रु200 कमा पाते हैं। कभी-कभी गांव में लाइट ना होने की वजह से खाली हाथ ही आना पड़ता है। आज से जब पापा थक कर घर आएंगे तो उनके पैर भी दबाउँगा,उनका कहना मानूंगा और अच्छी पढ़ाई कर पुलिस बनूंगा ताकि पापा को यह काम ना करना पड़े। शीतल वर्मा ने कहा कि मेरे पापा कारपेंटर है लगातार धुल और लकड़ी के कण आंखों में घुसने से आंखें कमजोर होकर खराब होने लगी, डॉक्टर ने कारपेंटर का काम करने का मना कर दिया है, दूसरा कोई रोजगार का साधन ना होने से मेरे पापा हमारा पेट भरने के लिए आज भी वह काम कर रहे हैं मैं खूब अच्छी पढ़ाई भी करूंगी पापा के काम मे मदद भी करूंगी और डॉक्टर भी बनूंगी। इस प्रकार बच्चों नेेेे एक स्वर मैं माता-पिता एवंं गुरुजनों के प्रति सम्मान भाव प्रकट किया औरप्रार्थना गीत के साथ सत्र का समापन हुआ


फोटो :-