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मान्यताओं धारणाओं से परे देखने का कार्यक्रम है अल्पविराम : सीईओ अखिलेश कुमार अर्गल*

प्रेषक का नाम :- लखनलाल असाटी जिला संपर्क व्यक्ति छतरपुर
स्‍थल :- Chhatarpur
21 Sep, 2021

राज्य आनंद संस्थान मध्यप्रदेश शासन अध्यात्म विभाग द्वारा मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान वाल्मी भोपाल में शनिवार 18 सितंबर से सोमवार 20 सितंबर 2021 तक आनंदम सहयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में प्रदेश के 22 जिलों से 41 प्रतिभागियों ने सहभागिता प्रदान की संस्थान के सीईओ श्री अखिलेश कुमार अर्गल के साथ प्रतिभागियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की, सभी प्रतिभागियों ने अपना परिचय देते हुए यह अनुभव भी साझा किया कि वह राज्य आनंद संस्थान और उसके महत्वपूर्ण अल्पविराम कार्यक्रम से कैसे जुड़े और उन्हें यह क्यों अच्छा लगा. राज्य आनंद संस्थान की ओर से जितेश कुमार श्रीवास्तव ने पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम को कोआर्डिनेट किया. छतरपुर से मास्टर ट्रेनर लखन लाल असाटी ने जीवन का लेखा जोखा एवं पावर आफ साइलेंस सत्रों का संचालन किया, कटनी डीपीएल अनिल कुमार कांबले द्वारा रिश्ते सत्र प्रस्तुत किया गया, मुरैना से मास्टर ट्रेनर सुधीर आचार्य ने फ्रीडम गिलास एवं चिंता का दायरा प्रभाव का दायरा टूल्स को प्रस्तुत किया और दिल्ली से मास्टर ट्रेनर साधना श्रीवास्तव ने सीसीडी की प्रस्तुति दी, प्रतिभागियों द्वारा गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र 5 समूहों में विभिन्न टूल्स की पुनः प्रस्तुति और निजी अनुभव साझा किए गए.

संस्थान के सीईओ श्री अखिलेश कुमार अर्गल ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में कहा कि यदि शरीर के किसी अंग में कांटा लगा है तो उसे निकालना ही होगा अंतिम समय तक का इंतजार क्यों? आनंद पूर्वक जीवन जीने के लिए रिश्तो को सुधारने में विलंब कहां तक उचित है, प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर भी श्री अर्गल ने कहा कि मान्यताओं विचारों और धारणाओं को अलग कर जीवन जीने पर दुश्मनों में दोस्त दिखाई देने लगता है शांत समय का सतत अभ्यास फिल्टर/ छलनी हटाने जैसा है जिससे वास्तविक तस्वीर हमारे सामने होती है उन्होंने कहा कि मैं और मैं के अंतर को समझना होगा एक मैं परिवर्तनशील है तो दूसरा मैं मेरी चेतना है.

संस्थान के डायरेक्टर श्री इंद्रपाल सिंह ने कहा कि आनंदन सहयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों में सही समझ विकसित करने का है संस्थान के लोग वही बात कहते हैं जो उनके अनुभवों में है संस्थान किसी समस्या के समाधान की बात नहीं करता है, खुद के जीवन से संबंधित अल्पविराम कार्यक्रम का प्रशिक्षण हमें धारणाओं से परे अनुभव की ओर ले जाता है.

सलाहकार श्री सत्य प्रकाश आर्य ने कहा कि जीवन में बाहरी आवरण को उतारना ही अल्पविराम है उनकी प्रतिभागियों से कोई अपेक्षा नहीं है लेकिन अल्पविराम कार्यक्रम की प्रतिभागियों के व्यक्तिगत जीवन में यदि कोई भूमिका बनती है तो यह जरूर संस्थान के रुचि का विषय हो सकता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य आनंद संस्थान के डायरेक्टर श्री प्रवीण कुमार गंगराड़े सहित संस्थान से डॉ केपी तिवारी, हिमांशु भारत,प्रदीप महतों, मुकेश करुआ,रवि मालवीय, नीलेश यादव की महत्वपूर्ण उपस्थिति और सहभागिता उल्लेखनीय रही.

लगभग सभी प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत अपनी 3 दिन की यात्रा के अनुभवों को साझा किया और कहा कि उन्हें पहली बार खुद से सार्थक संवाद करने का अवसर मिला है, खुद की अच्छाइयों और बुराइयों को वह खुद देख पाए हैं अपने जीवन को जानने का उद्देश्य भी उन्होंने पहली बार खोजने की कोशिश की है, वह आगे भी अल्पविराम की यात्रा अपने जीवन में जारी रखना चाहते हैं अपने जीवन की बैलेंस शीट पर पहली बार उनका ध्यान गया है चिंताओं को समाधान की ओर ले जाना हेतू अब उनका नजरिया बदला है, अपने रिश्तो को समझने और उन्हें मजबूत करने की प्रेरणा भी शांत समय में उन्हें मिली है. संस्थान की ओर से सभी सहभागीयों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.


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