पाँच साल में ,चार लाख से अधिक वस्तुओं का वितरण आनंदम् के कोट की चर्चा अब गाँवों में
जनता की भागीदारी से जनता के लिए प्रारंभ हुए आनंदम् ( दुआओं का घर ) मंड़ला की चर्चाएं अब गाँव,देहात में भी होने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले वृद्धजनों को आनंदम् ( दुआओं का घर ) मंड़ला से यदि कोट मिल जाता है,तो उनकी खुशी अत्यधिक हो जाती है,ग्रामीण वृद्धों के अनुसार मँहगे कोट पहनने का सपना देखना उनके बस की बात नहीं, परंतु आनंदम् से मिलने पर गाँव के अन्य वृद्धजनों से वे आनंदम् की चर्चा करते हैं।
आंनदम केन्द्र से लाभान्वित वृद्ध की बातें सुनकर दूसरे ग्रामीण भी कोट प्राप्त करने आनंदम् केन्द्र आते हैं। शासकीय बजट से संचालित लोक कल्याणकारी योजनाएं तो सभी विभागों मैं संचालित हो रही हैं,परंतु शून्य बजट में जनता की भागीदारी से अध्यात्म विभाग अंतर्गत आनंदम् ( दुआओं का घर ) ग्रामीण जनों को बहुत खुशी प्रदान कर रहा है। वर्ष 2016 से प्रारंभ हुए आनंदम् ( दुआओं का घर ) मंड़ला में लोगों ने स्वयं की अतिरिक्त सामग्रियां जमा करने में गहरी रुचि दिखाई है,जिसकी मदद् से जरूरतमंदों की कपडे़, पुस्तकें,कूलर,घडिय़ां, इलेक्ट्रिक आइटम सहित अब तक चार लाख से अधिक वस्तुओं को वितरण किया गया है।
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