मातृभूमि दिवस पर राज्य आनंद संस्थान के आनंदकों ने अपने घरों में वृक्षारोपण,तरुपूजन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश।
राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म विभाग के आनंदकों ने किया।पर्यावरण संरक्षण का आव्हान22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पर ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से विचार गोष्टि में मुख्य वक्ता के रूप में श्री।निर्लेश तिवारी ने कहा धरातल की सुरक्षा व बेहतरी के लिए प्रकृति की अनमोल धरोहरों को सहेज कर रखना बेहद जरूरी हो चुका है। विजय मेवाड़ा वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के दौरान प्राणवायु ऑक्सीजन का महत्व हर कोई व्यक्ति पहचान चुका है पर्यावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता हो इसी को ध्यान रखते हुए वृक्षारोपण करना अति आवश्यक है साथ ही गिरता जल स्तर न संभाला गया तो पृथ्वी पर जल संकट और उपजाऊ मिट्टी बंजर में तब्दील न हो इससे पहले जागरूक होने की आवश्यकता है।दिनेश चौधरी ने कहा प्रकृति की धरोहरों पेड़-पौधे, जल, वायु के प्रति देश के भविष्य को जागरूक करने की प्रबल आवश्यकता हैं। आनंदक श्री चंद्रशेखर धाकड़ ने कहा पृथ्वी द्वारा प्रदत्त चीजों की वजह से ही हमारा जीवन रक्षित और पोषित हो रहा है हमें जितनी हमारे जीवन की चिंता है उतनी ही हमें पर्यावरण चिंता भी होनी चाहिए। ऑनलाइन मीटिंग के अतिरिक्त कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए आनंदकों द्वारा अपने घर आंगन में वृक्षारोपण एवम तरुपुजन कर घर की छतों पर पक्षियों दाना पानी रखने का संकल्प लिया। जिसमें रचना चापेकर मीनाक्षी मिश्रा पिंकी सक्सेना विवेक तिवारीआदि ने सहभागिता की।
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