आनंदम् से गरीब चिंता मुक्त हुए
आनंदम् से गरीब “”चिंता मुक्त हुये “” ग्रामीण मजदूर ,मजदूरी करने से होने वाली आय से केवल परिवार की पेटपूजा ही कर सकता है। नये नये कपडे़ पहनना, फैशन के अनुसार न तो वह स्वयं और न ही बच्चों. को पहनाने की सोच सकता है। लेकिन राज्य आनंद संस्थान के अंतर्गत “”आनंदम्”” के खुलने से गरीब, मजदूर अब इस चिंता से मुक्त हो गये हैं। मजदूरों के बच्चे पालकों को फरमाइश बताकर आनंदम् भेजने लगै हैं। गरीबों के बच्चों की फरमाइश अब आनंदम् की सहायता से पूरी होने लगी है,अब उनके बच्चे भी जींस को लेने आते हैं।
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