आनंदम् की ""अलख""
आनंदम् की अलख पिछले चार वर्षों से संचालित आनंदम् ( दुआएं का घर ) मंड़ला के लिए बाजार में सामग्रियां मागँने निकले तो उसका असर यह हुआ कि जहाँ लोग इस कार्य को करने से संकोच करते थे वही अब आनंदम् के लिए स्वाभीमान के साथ कपडे़ लाते हैं। मुख्यालय से बाहर के व्यक्ति भी अपने शहर में आनंदम् के लिए सामग्रियां जुटाकर ला रहे हैं।
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