इंदौर -खुशी का पैमाना न धन न सफलता : श्री अखिलेश अर्गल, सीईओ, राज्य आनंद संस्थान
राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अतर्गत इंदौर जिले के कर्मचारियों हेतु आनलाईन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया । मुख्य कार्य पालन अधिकारी ने संबोधित करते हुए कहा ,कि दुनिया की छठवीं अर्थव्यवस्था वाला देश भारत एवं दुनिया की सबसे बडी अर्थव्यवस्था वाला अमेरिका “खुशहाली” की सूची में भी ऊपर नहीं हैं। इसके यह स्पष्ट है कि खुशी के लिए धन-दौलत की आवश्यकता नहीं है। छोटी सी अर्थव्यवस्था वाला देश फिनलैंड खुशहाली के मामले में पूरे विश्व में सबसे ऊपर है। राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्री अखिलेश अर्गल ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि व्यक्ति की खुशहाली में 50% अनुवांशिक रुप से 10% आर्थिक,10% सफलता एवं 20% परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इससे स्पष्ट होता है कि व्यक्ति की खुशहाली में धन एवं सफलता की भूमिका कम है। फिर कैसे हम एक खुशहाल समाज का निर्माण करें। श्री अर्गल ने समाज की युवा पीढी एवं महिलाओं का आव्हान किया कि मध्यप्रदेश शासन की इस पहल से अधिक से अधिक जुडकर जीवन को खुशहाल और आनंदित रहने की कला सीखें। इससे आगे आने वाली पीढी खुश और आनंदित होगी। हिमांशु भारत जी द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की गई तत्पश्चात सभी ट्रेनर्स द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। जिस प्रकार व्यक्ति बैंक में धन संचित करता है उसी प्रकार सामाजिक जीवन मे हमारे द्वारा की गई भलाई और अच्छाइयों का बैलेंस कितना है विजय मेवाड़ा एवम डॉ अनीता जैन जी ने स्वयं के जीवन से के अनुभव व घटनाएं साझा करते हुए प्रतिभागियों को भी स्वयं के जीवन में झांकने हेतु प्रेरित किया। श्रीवास्तव के द्वारा किया गया कनेक्शन करेक्शन डायरेक्शन को लेकर श्री रमेश व्यास जी के द्वारा हमारा स्वयं से रिश्ता कैसे टूटता एवं जुड़ता है प्रश्न पर शांत समय दिया गया।शेयरिंग में श्रीमती सुषमा दास जिसमें सपना जी ने कहा कि हम स्वयं के लिए समय नहीं देते तो हमारा स्वयं से रिश्ता टूटता है यदि हम खुश नहीं है तो भी हमारा स्वयं से रिश्ता टूटता है।हिमांशु जी के द्वारा अपने जीवन के अनुभव रिश्तो के मैप के माध्यम से बहुत ही गहराई से प्रतिभागियों के मध्य साझा किए गए।विजय जी के द्वारा इंदौर राज्य आनंद संस्थान द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों को विस्तार से सभी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।पिंकी रावत,गोविंद मिश्रा देवकरण चौहान सोनल गुर्जर, आदि ने अपने अनुभव साझा किए। प्रीति जी ने कहा कि यदि हम स्वयं खुश नहीं हैं तो हम किसी भी काम को उतनी उत्कृष्टता से नहीं कर पाते हैं जितना खुश रहते हुए करते हैं उन्होंने भी स्वयं के लिए समय निकालने का संकल्प लिया।सुषमा जी ने कहा कि मुझे मेरी बहुत सी कमियां नजर आए जिन्हें मैं आज से छोड़ने का प्रयास करूंगी ।कार्यक्रम के अंत में सभी मास्टर ट्रेनर्स ने पूरे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही प्रतिभागियों के द्वारा भी सभी अल्पविराम टीम एवं राज्यआनंद संस्थान को अनेकानेक साधुवाद ज्ञापित किया गया।
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