छतरपुर - छात्रों में प्रश्न पैदा करने की क्षमता बढ़ाएं उत्तर कहीं ना कहीं मिल जाएगा : सीईओ अखिलेश अर्गल
छात्रों में प्रश्न पैदा करने की क्षमता बढ़ाएं उत्तर कहीं ना कहीं मिल जाएगा : सीईओ अखिलेश अर्गल राज्य आनंद संस्थान का आनंद सभा कार्यक्रम संपन्न
आनंद सभा बच्चों को जीवन जीने की कला सिखाती है, छतरपुर राज्य आनंद संस्थान द्वारा छतरपुर जिले के 40 शिक्षकों के लिए आयोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन आनंद सभा के समापन सत्र में संस्थान के सीईओ अखिलेश कुमार अर्गल ने कहा कि शिक्षक बच्चों में प्रश्न पैदा कर देने की क्षमता विकसित करें उत्तर तो वह कहीं ना कहीं ढूंढ ही लेगा, उन्होंने कहा कि शिक्षकों को औसत बच्चे को ध्यान रखकर अपना संदेश देना चाहिए जिससे सभी बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा श्री अर्गल ने कहा कि आनंद सभा बच्चों को जीवन जीने की कला सिखाती है |
शिक्षक के आचरण से सीखता है छात्र - सीईओ अखिलेश अर्गल ने कहा कि छात्र किताबों से अधिक शिक्षक के आचरण से सीखता है, शिक्षक छात्र को जो संदेश देना चाहता है यदि वह उसके आचरण में नहीं है तो शिक्षक द्वारा कहे गए शब्द अपना महत्व और प्रभाव खो देते हैं | उन्होंने कहा कि राज्य आनंद संस्थान ने पिछले वर्ष पायलट बेसिस पर कुछ स्कूलों में आनंद सभा शुरू की थी पर इस साल कोरोना के कारण अन्य स्कूलों में लांच नहीं कर सके हैं, पर छतरपुर जिले के शिक्षकों ने अच्छी पहल की है जिस कारण यह सत्र आयोजित किया गया |
खुद 40 बच्चों को पढ़ाते हैं गणित और विज्ञान - श्री अर्गल ने कहा कि वह और उनके साथी भोपाल में झुग्गी झोपड़ी बस्तियों के 40 बच्चों को पढ़ाते हैं वह खुद गणित और विज्ञान पढ़ा रहे हैं, यह गरीब घरों के वे बच्चे हैं जिन्हें स्कूल की क्लास में भी अटेंशन नहीं मिलता है | छतरपुर जिला संपर्क व्यक्ति लखनलाल असाटी ने बीईएचएस सुमति अकादमी के संचालक भावना अग्रवाल, सोमिल अग्रवाल, प्राचार्य सुनील मिश्रा सहित समस्त शिक्षकों को संस्थान की ओर से धन्यवाद दिया जो आनंद सभा में सम्मिलित हुए आनंद सभा के दौरान रमेश कुमार व्यास एवं श्रीमती उषा व्यास दमोह, राजेंद्र कुमार असाटी एवं मुकेश करुआ भोपाल, लखनलाल असाटी एवं श्रीमती आशा असाटी छतरपुर ने 5 दिनों के दौरान मदद, कृतज्ञता, क्षमा मांगना, क्षमा करना, दृष्टिकोण, आत्मविश्वास और ध्यान की शक्ति पर बातचीत की | इस दौरान संस्थान के डायरेक्टर इंद्रपाल सिंह, मास्टर ट्रेनर हिमांशु भारत एवं जितेश श्रीवास्तव ने भी अपने संदेश दिए | प्रतिभागियों ने कहा आंखें खोलने वाला रहा कार्यक्रम, शिक्षक रिचा मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम आंखें खोलने वाला है हम सभी को अपनी कमियां पता है पर उन पर हम बात नहीं करते हैं, कमियों को स्वीकार नहीं करते हैं, पर आनंद सभा सत्रों में उन्होंने उन कमियों को पहचाना है और उन पर खुलकर बात भी की है, रुचि दीक्षित ने कहा उन्हें गुस्सा करने और गुस्सा आने में अंतर समझ में आया है | मैं अपने प्रिंसिपल पर गुस्सा क्यों नहीं करती हूं जबकि छोटो पर करती हूं यह सीख मेरे व्यक्तिगत जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है | चारू प्रभाकर ने कहा कि 5 दिन की ट्रेनिंग में समय कैसे निकल गया पता ही नहीं चला | अभी तक जितनी भी ट्रेनिंग की, उसमें बताया जाता था यह करना है यह नहीं करना है पर यह पहली ऐसी ट्रेनिंग थी जिसमें व्यक्तिगत रूप से खुद को निखारने का मौका मिला और खुद को छोटी-छोटी बातों पर फोकस करने का मौका मिला, दिव्या श्रीवास्तव ने कहा कि उनके लिए यह सत्र बहुत ही यादगार रहा कहीं भी कुछ बनावटी नहीं था सबको बहुत स्वाभाविक था एक अन्य प्रतिभागी ने कहा कि पूरी ट्रेनिंग में कहीं कोई नेगेटिव बात नहीं हुई, मोहित जैन ने कहा की यह पहली ट्रेनिंग है जो सेल्फ एनालिसिस पर फोकस थी, 20 सालों में खुद को नहीं दिया था इतना समय प्रिंसिपल सुनील मिश्रा ने कहा कि उनके स्कूल में जो साथी बहुत कम बोलते थे उनको भी पहली बार खुलकर अपने दिल की बात कहते हुए सुना उन्होंने पिछले 20 सालों में खुद को इतना समय नहीं दिया था जितना पिछले 5 दिनों में दिया और खुद से जमकर संवाद किया | दीपांजलि दास, अदिति गुप्ता, सृष्टि जैन आदि ने भी विचार रखे प्रार्थना मंजू खरे और समापन गीत आजरा इकबाल ने गाया |
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