सेवा से मिलता है "आत्मसंतोष" | राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म विभाग भोपाल
सेवा करने से प्राप्त होता है,-“आत्म संतोष” राज्य आनंद संस्थान अध्यात्म विभाग भोपाल के निर्देशन एवं जिला प्रशासन मंड़ला के मार्गदर्शन में “अंतर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक सेवा दिवस” का आयोजन किया गया। गरीबी, स्वास्थ्य, एवं पर्यावरण के प्रति लोगों के द्वारा स्वैच्छिक सेवा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दीनदयाल रसोई घर पड़ाव मंड़ला में आने वाले भूखे लोगों को भोजन परोसने का कार्य राज्य आनंद संस्थान के आनंदकों के द्वारा किया गया।दीनदयाल रसोई घर में आनंदम् ( दुआओं का घर ) मंड़ला की तरफ से 40/-किग्रा. चावल और 5/-किग्रा. दाल रसोई की संचालिका को भेंट की गई। संस्थान से जुडे आनंदकों ने भोजन के लिए आने वाले भूखों को मिठाइयों का वितरण किया । राज्य आनंद संस्थान के आनंदकों ने कहा कि जरूरत मंदो की मदद करने से स्वयं के अंतर्मन में संतुष्टि मिलती है, इसलिए हमें इस तरह की सेवा करने में दूसरों को तो खुशी मिलती है। स्वयं को भी आनंद प्राप्त हो रहा है। अतंर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक सेवा के इस कार्य में विष्णु कुमार सिंगौर, रश्मि पाठक, रश्मि बाजपेयी, संजुलता सिंगौर, शिखा सोनी, अनंनता कोरी पुष्पा ज्योतिषी, रुपा,अनीता एवं अन्य आनंदक सम्मलित हुए।
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