आनंदम् कहानी गरीब की जुबानी
आनंदम् केन्द्रों की स्थापना से ग्रामीण जरूरत मंद,गरीब ,मजदूर, बेसहारा, रिक्शा, ठेला, आटोचालकों को जरूर की सामग्रियां यहाँ से निःशुल्क मिल जाती है। दूरदराज से आने वाले आदिवासी, ग्रामीण स्वयं के साथ परिवार के बाल गोपाल नाती-नतरा सभी के लिए कपडे आनंदम् से ले जाते हैं। ये ग्रामीण थैला लेकर घर पहुँचते हैं तो इनके बच्चों को आशा रहती है कि आनंदम् से उनके लिए कुछ नया आया है। मंड़ला के ग्रामीण, जनों के लिए आनंदम् कितना आवश्यक बन गया है उनकी ही जवान से सुनें।
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