वर्तमान में जीना सीख गई हूं : डॉ श्रद्धा अग्रवालअल्पविराम का ऑनलाइन जागरूकता सत्र
राज्य आनंद संस्थान द्वारा ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम के पांचवे चरण के छह दिवसीय सत्र की शुरुआत सीईओ अखिलेश कुमार अर्गल द्वारा की गई *खुद की जागरूकता* विषय पर विचार साझा करते हुए छतरपुर से डॉ श्रद्धा अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मैंं आज में जीना सीख गई हूं,अर्चना दलाल दमोह ने कहा कि जागरूकता से ही अपने आत्मविश्वास को मजबूत किया और परिजनों को भी मानसिक ताकत दी जिला संपर्क व्यक्ति लखनलाल असाटी के साथ श्रीमती आशा असाटी,राजेंद्र कुमार असाटी कटनी, रमेश कुमार व्यास व उषा व्यास दमोह,प्रो समीरा नईम देवास, दीप्ति ठाकुर जबलपुर, राजा खान श्योपुर, प्रदीप महतों व मुकेश करूवा भोपाल ने अल्पविराम संपन्न कराया केंडी पटवारी सोनल अग्रवाल ने कहा कि अपने ज्ञान को जागरूकता में बदलने में उन्होंने इस समय का उपयोग किया है नर्स आराधना दुबे ने कहा कि जागरूकता की शुरुआत खुद से होती है कंप्यूटर शिक्षक सुरेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि लॉक डाउन ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी है अब वह कृषि कार्य में खुद भी काम करेंगे और प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी देंगे प्रदेश के अन्य जिलों के प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए सीएस शशांक जैन सागर ने कहा कि महामारी के दौरान लोगों के बीच संवेदनाएं और अधिक मजबूत हुई हैं सावित्री महंत उज्जैन ने कहा कि लोग स्वप्रेरित होकर दूसरों की मदद हेतु आगे आए हैं उज्जैन के डॉ प्रवीण जोशी ने कहा कि इस दौरान परिवार को अधिक महत्व देने, पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का अवसर मिला, राम जाट वडवानी ने कहा कि उन्होंने अपनी दुकान बंद रखने के बावजूद कर्मचारियों को पूरी वेतन दी है रेनू मिश्रा मझगवां ने कहा कि बुराई हटाकर प्यार और सम्मान की भावना बढ़ी है ममता कटारिया उज्जैन ने कहा कि उनके पति मेडिकल की दुकान चलाते हैं जब वह घर लौटते थे तो उन्हें चिंता होती थी फिर उन्होंने खुद योगा करना शुरू किया तो उनके पति और परिवार के अन्य सदस्य भी योगा करने लगे हैंलखनलाल असाटी ने बताया कि 40 प्रतिभागियों के लिए यह सत्र 14 जून तक रोजाना सुबह 11 से दोपहर 12:30 बजे तक संचालित किया जाएगा छतरपुर जिले के यदि अन्य प्रतिभागी ऑनलाइन अल्पविराम के इच्छुक हैं तो उनके लिए अलग से सत्र आयोजित करने की अनुमति राज्य आनंद संस्थान द्वारा जिला प्रशासन को दी गई है
फोटो :-