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छतरपुर ऑनलाइन अल्पविराम : आनंद का 40 फीसदी संबंध हमारे मन की आंतरिक स्थिति से : सीईओ अखिलेश कुमार अर्गल

प्रेषक का नाम :- मास्टर ट्रेनर एवं अतिरिक्त नोडल अधिकारी लखन लाल असाटी छतरपुर
स्‍थल :- Chhatarpur
06 May, 2020

छतरपुर, 05 मई 2020 राज्य आनंद संस्थान द्वारा लॉक डाउन पीरियड में लोगों को चिंता, भय और अवसाद से दूर रखने ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम के पहले सत्र को संबोधित करते हुए संस्थान के सीईओ अखिलेश कुमार अर्गल ने कहा कि अनेक शोधों का निष्कर्ष है कि आर्थिक प्रगति व सफलता का खुशी और आनंद से सीधा संबंध नहीं है। हमारे जीवन में खुशी का आधा हिस्सा तो आनुवांशिक है, 40 फ़ीसदी हमारे मन की आंतरिक स्थिति पर निर्भर करता है, मात्र 10 फ़ीसदी भाग ही परिस्थितियों पर निर्भर करता है, इसलिए चिंता और अवसाद के लिए परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बिल्कुल उचित नहीं है, अल्पविराम कार्यक्रम हमारे हाथ के 40 फ़ीसदी आनंद पर फोकस है, अल्पविराम के माध्यम से हम खुद के संपर्क में आकर अपनी मनः स्थिति को मजबूत करते हैं।ऑनलाइन अल्पविराम के इस पहले सत्र का संचालन छतरपुर से मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी ने किया, सत्र संचालन में श्रीमती आशा असाटी के साथ भोपाल से मुकेश करूवा, देवास से प्रो समीरा नईम, दमोह से प्राचार्य रमेश व्यास व उषा व्यास ने सहयोग किया।लखन लाल असाटी ने प्रतिभागियों से कहा कि वर्तमान समय में हमारे खुद के अंदर, हमारे परिवार में और हमारे समाज में क्या चल रहा है इस पर गंभीरता से श्रवण, मनन और चिंतन की आवश्यकता है उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए और बताया कि बेटी के मुंबई और बेटे के इंदौर में लॉक डाउन में फंसे रहने के बावजूद उन्होंने पूरे परिवार के मनोबल को बनाए रखा है।भूखे और असहाय ही अब हमारा परिवारसभी प्रतिभागियों ने भी 10 मिनट का शांत समय लेने के बाद अपने विचार साझा किए जीएसआईटीएस इंदौर के प्रो विवेक तिवारी ने कहा कि यह अवसर खुद को और अधिक जानने का है, नए-नए प्रयोगों और आविष्कारों का है, भोपाल के ज्योतिषाचार्य प्रदीप शर्मा ने कहा कि जो अनुभव उन्होंने 50 साल में नहीं किया था उसे मात्र 50 दिनों में पाया है उन्होंने अपने मन की गांठे खोली,पौधों को खिलते और चिड़ियों को चहचहाते सुना,आष्टा के महेंद्र तोमर, बिरसिंहपुर के बृजेंद्र सिंह देवास के दीपक पोरवाल, कालापीपल शाजापुर के लखन लाल राजपूत ने भी विचार व्यक्त किए। भोपाल के समाजसेवी और मोटिवेटर मुकेश गर्ग ने कहा कि लॉक डाउन पीरियड में हमने अनुभव किया कि असहाय और भूखे लोग ही हमारा परिवार हैं।ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम के प्रतिभागियों में भिंड से प्रशांत भदौरिया, धनबाद के प्रो. इंद्र कुमार जायसवाल, पीथमपुर से श्रीमती लीना श्रीवास्तव, मेहंदीपुर उज्जैन की प्रोफेसर डॉ सुमन जैन, भोपाल से देवांशी शर्मा, शाजापुर से पुष्पेंद्र सिंह भदोरिया, धार मनावर से चौपा सिंह रावत, चित्रकूट सतना से हेम नारायण द्विवेदी, भोपाल नूतन कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ प्रभात पांडे, देवास से हेमलता सक्सेना, धार से दयाराम मुबेल, रायसेन सिलवानी से धर्मेंद्र गौर, शाजापुर कालापीपल से मुरारी कलमोदिया, पीथमपुर से विजय कुमार खरे, भोपाल से मनोवैज्ञानिक ऋतुराज शर्मा, शुजालपुर शाजापुर से नरेंद्र राजपूत, हरिद्वार से दीपेश सिंह, गंधवानी मनावर से दिनेश मुबेल, शिवपुरी से प्राचार्य प्रवीण श्रीवास्तव आदि सम्मिलित थे। ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम का 6 दिनों तक सत्र सुबह 10 बजे से 11ः30 बजे तक संचालित होगा।


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