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"एक युध्द,अवसाद के विरुध्द"कार्यक्रम में विधि के विद्यार्थियों ने जाने जीवन मे खुश रहने के तरीके- अपने तनाव को गुब्बारे में भरकर फुर्र किया।

प्रेषक का नाम :- विजय मेवाड़ा आनंदम सहयोगी अरविंद शर्मा समन्वयक इंदौर
स्‍थल :- Indore
13 Sep, 2019

*इंदौर विश्व आत्महत्या निषेध दिवस पर विचार गोष्ठी एवम भाषण प्रतियोगिता *"एक युध्द,अवसाद के विरुध्द"कार्यक्रम में विधि के विद्यार्थियों ने जाने खुश रहने के तरीके।**राज्‍य आनंद संस्थान -अध्यात्म विभाग के निर्देशन पर इंदौर जिले में कलेक्टर महोदय श्री लोकेश कुमार जाटव एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी नेहा मीणा के निर्देशन में शासकीय लॉ कॉलेज इंदौर में आत्महत्या निषेध दिवस के उपलक्ष में संगोष्ठी एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

जिला कार्यक्रम समन्वयक विजय मेवाड़ा ने कार्यक्रम का उद्देश्य पढ़ाई के तनाव में तनावग्रस्त विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन के गुर सिखाना एवं कैसे खुश रहा जा सकता है राज्य आनंद संस्थान द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे हैं अल्पविराम कार्यक्रम का परिचय देते हुए कुछ प्रश्नों पर चिंतन भी कराया गया जिससे आज तक बच्चे जिसमें आज तक बच्चों से कहा गया कि :- जन्म से लेकर आज कालेज तक आपको पहुंचाने में आपने माता पिता कितना संघर्ष और परिश्रम और आपकी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अपनी कितनी इच्छाओं से समझौता किया होगा । इस विषय में चिंतन करें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें उन्हें धन्यवाद दें अगर खुलकर विचार व्यक्त न कर पाएं तो उनके लिए पत्र लिखें और जब भी टेंशन हो पत्र स्वयम पढ़ें। आप गलत मार्ग चुनने से पहले एक बार आपके माता पिता के सपने जो उन्होंने आपके भविष्य को लेकर देखें है उसके बारे में अवश्य सोंचे उस पत्र को जरूर पढ़ें।* *मनोचिकित्सक श्री आनंद गौड़ ने अपने वक्तव्य में कहा कि संबंध खराब होने से मन खराब होने लगता है और हम लोग अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं अपने संबंध यदि कोई भी व्यक्ति मैं अवसाद के लक्षण दिखाई दे तो हम सभी का दायित्व है कि उनकी मदद करें ।

सामाजिक कार्यकर्ता निर्लेश तिवारी ने खेल को नियमित जीवन में शामिल करने से तनाव कम होता है। श्री रचना चापेकर ने कहा कि परिवार और प्रकृति के सानिध्य में मेडिटेशन को दैनिक जीवन में* *अपनाकर अपनी मनोविकार को कम कर सकते हैं श्री विजय सालविया ने भी तनाव प्रबंधन पर अपने विचार रखें । महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य श्री इनर्रूरहमान प्रकृति का अवलोकन कर भी तनाव को कम किया जा सकता है। में जिला समन्वयक विजय मेवाड़ा एवम उपस्थित आनंदकों द्वारा तनाव मुक्ति के टिप्स बताए जैसे:-हम इस बात पर चिंतित रहते कि संसार के लोग बेकार है जैसी दुनिया हम चाहते हैं यह दुनिया वैसी नहीं है।* *क्या हमने इस बात पर चिंतन किया क्या हमारे लिए आसान क्या होगा दुनिया को बदलना यह स्वयं को?**जो व्यवहार दूसरों से अपने लिए चाहते हैं वह हमें दूसरों के प्रति भी करना चाहिए बी द चेंज ,इफ यू वांट द वर्ल्ड चेंज* *आप छोटी-छोटी बातों पर चिंतित होने के बजाय उन चिंताओं का समाधान ढूंढे तो हमारा जीवन खुशनुमा हो सकता है।* *हम जितनी हमारआवश्यकताओं को बढ़ाएंगे उतना ही तनाव बढ़ता जायेगा।* *इसलिए आप सभी से अपेक्षा है कि आप अपनी आवश्यकताओं को कम करके भी अपने जीवन में आनंद के पल ढूंढ सकते हैं ।* *विद्यार्थी अपने जीवन में 5 गुणों को धारण करें-* *1धन्यवाद :-जिंदगी में किन चीजों के लिए किन लोगों का आभारी हूं ।**2कौन :-वह कौन है जिसकी मुझे मदद करनी है।**3परिवर्तन:- कौन सी आदत है व्यवहार मुझ में है जो मुझे बदलना है।* *क्षमा :-क्या मुझे किसी से क्षमा मांगना है और किससे।* *कार्य :-अपने समाज के लिए में क्या कार्य करूंगा।* *महाविद्यालय स्टाफ और बच्चों को एक्टिविटी कराई गई जिसमें सभी ने गुब्बारे फुलाए और अपने तनाव को हवा के रूप में गुब्बारे में तब तक भर गया जब तक गुब्बारा फुट न जाये।इसके बाद कहा गया मान लीजिए यह तनाव है सभी लोगों ने एक दूसरे के गुब्बारे फूटते देख तनाव से आनंद की अनुभूति की।सभी छात्र छात्राओं ने हमेशा खुश आनंद व उल्लास से रहने की शपथ ली।इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि प्रतियोगिता में सहभागिता में यदि केवल प्रथम द्वितीय और तृतीय विजेता को प्रमाणपत्र दिए गए तो अन्य सहभागी हतोत्साहित हो सकते हैं ।इसलिए सहभागी 30 विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को हमेशा आनंद और उल्लाहस के साथ रहने के संकल्प के साथ प्रमाण पत्र वितरित किये गए।कार्यक्रम में 200 विद्यार्थी उपस्थित हुए ।* *नवीन विधि महाविद्यालय की ओर से प्रोफेसर रितु त्रिवेदी द्वारा पुनः इस तरह के आयोजन करने हेतु आमंत्रित किया गया। भाषण का निर्णय डॉक्टर शमिता शेट्टी डॉ मिर्जा में जी द्वारा किया गया।*


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