जानकारी को जागरूकता में बदलने के लिए करें अल्पविराम : श्री मनोहर दुबे
मंगल ग्राम की अवधारणा का मूल आधार सामूहिक निर्णय है, यदि लोग एक साथ बैठकर किसी समस्या पर विचार करेंगे और निर्णय लेंगे तो फिर किसी अन्य व्यक्ति की कभी आवश्यकता नहीं होगी. *राज्यपाल के सचिव के रूप में नियुक्त किए गए सागर कमिश्नर मनोहर दुबे ने सागर से रिलीव होने के पहले छतरपुर जिले के मंगल ग्राम बगौता एवं ललोनी में सामूहिक अल्पविराम को संबोधित करते हुए यह बात कही उन्होंने कहा कि जानकारी सबको है पर इसे जागरूकता के रूप में स्वीकार करने में अल्पविराम अत्यंत सहयोगी है, इसलिए सभी ग्रामीण कम से कम 30 दिन लगातार एक साथ कुछ समय के लिए जरूर बैठें और प्रतिदिन किसी एक समस्या पर विचार करें*. अल्पविराम से जो निष्कर्ष निकलेगा वह ग्रामीणों का अपना होगा फिर उस पर किसी तीसरे की जरूरत नहीं पड़ेगी, श्री दुबे ने कहा कि कमिश्नर के तौर पर उनके पास सिर्फ एक दिमाग और दो हाथ हैं पर जब गांव के दो हजार हाथ और एक हजार दिमाग काम करेंगे तो बहुत बड़ी ताकत होगी और उससे सब का भला होगा. *इस मौके पर छतरपुर कलेक्टर मोहित बुंदस, जिला पंचायत सीईओ हर्ष दीक्षित, एसडीएम अनिल सपकाले, तहसीलदार जन्मेजय मिश्रा, जनपद सीईओ सैयद मजहर अली, वृक्ष मित्र डॉ राजेश अग्रवाल, समाजसेवी केएन सोमन ,आईआईटी रुड़की के रोशन कुमार सहित अनेकों अधिकारी एवं सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे. मास्टर ट्रेनर आनंद लखनलाल असाटी ने अल्पविराम सत्र का संचालन किया* श्री मनोहर दुबे ने कहा कि अभी व्यक्ति खुद को श्रेष्ठ समझता है और दूसरों में परिवर्तन चाहता है, जिस कारण एक दूसरे में तनाव बढ़ता है़ पर अल्पविराम प्रवचन की जगह परिवर्तन का साधन है और जब व्यक्ति में परिवर्तन होने लगता है तो समाज में सुधार होने लगता है जब व्यक्ति पवित्र मन से काम करता है तो वह बाहर की तरफ देखने के बजाय खुद के अंतर्मन को टटोलता है. उन्होंने कहा कि कबीर - रैदास जैसे बड़े-बड़े समाज सुधारक पढ़े-लिखे नहीं होने के बावजूद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन कर इस समाज को बहुत बड़ी दिशा देकर गए हैं कलेक्टर मोहित बुंदस ने कहा कि व्यक्ति के अंदर भगवान हैं और अल्पविराम के द्वारा आत्मा अर्थात भगवान की आवाज सुनता है और यह आवाज कभी गलत नहीं हो सकती. जिला पंचायत सीईओ हर्ष दीक्षित ने कहा कि जब सरकारें नहीं थी तब भी व्यक्ति और समाज था और उस समय सब सामूहिक निर्णय लेकर आनंद में रहते थे. वृक्ष मित्र डॉ राजेश अग्रवाल ने कहा कि वह अल्पविराम से पूरी तरह प्रभावित हैं मंगल ग्रामों में वृक्षारोपण के लिए जितने भी पौधों की आवश्यकता होगी वह निशुल्क प्रदान करेंगे. मंगल ग्राम बगौता के शंकरगढ़ में पंचायत सचिव शिव नारायण पटेल, ग्राम रोजगार सहायक मनीष विश्वकर्मा, मंगल ग्राम सहयोगी मिजाजी लाल कुशवाहा ग्रामीण मटोले अहिरवार ने, मंगल ग्राम ललौनी में मंगल ग्राम सहयोगी यादवेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण पाल सिंह, ब्रजकिशोर सिंह, कुलदीप सिंह, ग्रामीण संतोष प्रजापति, भानु प्रताप सिंह, जितेंद्र सिंह, श्रीमती प्रीति सिंह परिहार, गर्जन सिंह परिहार एवं दद्दा ललोनी ने अल्पविराम के माध्यम से उनके अपने जीवन और गांव में आए परिवर्तन को साझा किया. *उल्लेखनीय तथ्य यह है कि जब लोग अपने खुद में परिवर्तन को साझा कर रहे थे तब उनका खुद का परिवार सामने बैठा हुआ था कमिश्नर श्री मनोहर दुबे ने उनके परिजनों से पूछा कि वह सार्वजनिक रूप से जो साझा कर रहे हैं क्या वह परिवर्तन वास्तव में हुआ है तो परिजनों ने कहा कि हां अल्पविराम के बाद काफी बदलाव आया है* आभार प्रदर्शन शिक्षक त्रिलोक सिंह ने किया
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