अल्पविराम इंदौर ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा, इसे व्यर्थ की चिंताओं में यूँही न बर्बाद करें,चलो ज़िन्दगी को ज़िंदादिली से एन्जॉय करें,
अल्पविराम इंदौर कलेक्टरेट परिसर के निकट स्थित बाल भवन में महिला बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी सुपरवाइजरों ने अल्पविराम का अभ्यास किया।सभी को 20 मिनिट शांत समय देकर अल्पविराम का अभ्यास किया। अल्पविराम तनाव प्रबंधन पर केंद्रित था आंगनवाड़ी सुपरवाइजर शमीना खान ने कहा विभागीय और घर के काम की अधिकता की वजह से हम सभी परेशान रहते हैं l आनंदम सहयोगी विजय मेवाड़ा द्वारा प्रश्न दिया-आपके जीवन की चिंताओं को लिपिबद्ध कीजिये,तत्पशचात चिंता का दायरा,एवम प्रभाव का दायरा टूल्स का प्रयोग कर उनकी अप्रभावशील चिंताओं को चिन्हित कर गणित की अवधारणा घटाओ का प्रयोग कर 23 चिंताए जो तनाव का कारक थी उनमे से 11 चिंताओं को उनके प्रभाव क्षेत्र से बाहर की थी घटाकर चिंता प्रबंधन का तात्कालिक समाधान प्रस्तुत किया।और रिश्तों पर आधारित गुब्बारे मूवी दिखाकर उदाहरण से स्पष्ठ किया यह मानवीय स्वभाव है जब आप किसी की गाड़ी कहीं जाने के लिए ,या साड़ी किसी शादी या पार्टी में जाने के लिए मित्र से उधार लेकर जाते हैं तो आप उसका काम समय मे भरपूर उपयोग करना चाहते हैं,आप किसी भी चीज़ का पूरा आनंद तभी उठाते हैं जब आपको ये पता है कि ये चीज़ मेरी नहीं हैं और मुझसे दूर होने वाली हैं, तो आप क्या करते हो , आप सोचते हो अरे यह चीज बहुत जल्द मेरे पास चले जाना है इसको एंजॉय कर लू । होता हैं ना ऐसा ?यह जीवन भी हमें उधार मिला है इसी तरह किसी अपने या आप स्वयं कभी भी एक दूसरे से बिछुड़ सकते है, ये जीवन कभी भी ख़त्म हो सकता है तो आप उन पलो को और जीवन को एंजॉय करना शुरू करें। आप समय की क़ीमत समझें। अल्पविराम में ऐसे प्रश्नों पर चिंतन करें,आपके स्वाभाव और व्यवहार के तौर तरीक़ों में बदलाव आ जाएगा । आप हर किसी से प्रसन्नता से ऐसे मिलोगे जैसे आख़िरी बार मिल रहे हो । अल्पविराम में आनंदम सहयोगी विजय मेवाड़ा के साथ आनंद क्लब के प्रेरक अनंदक विजय कुमार साल्विया भी सहयोगी के रूप में उपस्थित रहे।
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