दूसरों से झगड़कर, उन्हें दु:खी कर हम खुश नहीं रह सकते: कमिश्नर श्री मनोहर दुबे
व्यक्ति किसी दूसरे से झगड़ा करके अथवा दूसरों को दु:खी कर कभी खुश नहीं रह सकता है। यह समझ हमें अल्पविराम से मिलती है। क्योंकि हर व्यक्ति जीवन में सुख और शांति से रहना चाहता है पर वह वास्तव में करता कुछ और है। सागर कमिश्नर मनोहर दुबे ने कर्णावती व्याख्या केन्द्र में मंगलग्राम सहयोगियों के साथ अल्पविराम के दौरान यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा अल्पविराम हमें सिखाता है कि जीवन में जो भी आपको अच्छा लगता है, आप वैसा ही करें। पर जब व्यक्ति शांत समय लेकर अंतरात्मा की आवाज सुनता है। तो वह कोई भी गलत निर्णय नहीं लेता है। मंगलग्राम विचारधारा व्यक्तिगत परिवर्तन को पुष्ट करती है। परिवर्तन व्यक्ति के अंदर होना चाहिए और जब व्यक्ति में अंदर से परिवर्तन होता है तो उसकी विचारधारा अत्यंत सकारात्मक होती है और वह स्वार्थों को त्यागकर सार्वजनिक हित की बात करता है। जिला पंचायत सीईओ हर्ष दीक्षित ने कहा कि अल्पविराम प्रेरणा देता है कि किसी भी काम की शुरुआत खुद से करनी चाहिए। अल्पविराम कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर आनंद लखन लाल असाटी, आईआईटी रुढ़की के इंटर्न रोशन कुमार, उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, जनपद सीईओ सैय्यद मजहर अली, आनंदम सहयोगी आरबी पटेल, केएन सोमन सहित ललौनी, सौंरा, सरानी, पठापुर, बंधीकला, बगौता एवं गौरगांय के मंगलग्राम सहयोगियों ने अल्पविराम से उनके खुद के जीवन में आए बदलावों को साझा किया।
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