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छतरपुर, आदत से अधिक व्यवहार में परिवर्तन की जरूरत : सागर कमिश्नर   

प्रेषक का नाम :- आनंदम सहयोगी एवं अतिरिक्त नोडल अधिकारी लखन लाल असाटी छतरपुर
स्‍थल :- Chhatarpur
02 May, 2019

सागर कमिश्नर मनोहर दुबे ने ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केन्द्र नौगांव में एएनएम के तीन दिवसीय आवासीय अल्पविराम प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सही और गलत क्या है यह आपकी अंतरात्मा आपको बता देती है। क्योंकि सही और गलत की परिभाषा स्थान और काल के अनुसार बदलती रहती है। व्यक्ति के साथ अंत में उसके अनुभव ही जाते हैं और वह दूसरों के लिए अपना व्यवहार छोड़कर जाता है। इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति को अपनी आदतों से अधिक अपने व्यवहार में सुधार और परिवर्तन पर ध्यान देना चाहिए।  जिला पंचायत सीईओ हर्ष दीक्षित ने कहा कि अल्पविराम प्रशिक्षण में चिंता का दायरा-प्रभाव का दायरा सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है जो हमें सिखाता है कि जहां हम सुधार ला सकते हैं उस पर हमें ज्यादा फोकस करना चाहिए। चिंता की जगह अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। श्रीमती वागीशा द्विवेदी ने कहा कि व्यक्ति को अपने पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों जीवन में शांति के समय के दायरे को बढ़ाना चाहिए। सबके सामने गलती स्वीकार कर लेने से उसका बोझ हट जाता है। अल्पविराम भी ईमानदारी से करना चाहिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम राजेन्द्र खरे ने कहा कि एएनएम के लिए यह प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने एएनएम के काम की सराहना करते हुए कहा कि फील्ड पर काम करने वाली यही महिलाएं हैं जिनके काम की क्रेडिट सभी वरिष्ठ अधिकारी अपनी परफार्मेंस में प्रदर्शित करते हैं। सत्र का संचालन मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी एवं रमेश कुमार व्यास दमोह ने किया। नेकी सेवालय आनंद क्लब नौगांव के अभिषेक त्रिपाठी, श्रीमती प्रीति त्रिपाठी एवं पर्यावरण वाहिनी आनंद क्लब के प्रदीप सेन ने भी अपने अनुभवों को साझा किया। प्रशिक्षण के उपरांत एएनएम ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि अब वह प्रत्येक कार्य सोझ समझकर करेंगी। वक्त-वे वक्त गुस्सा नहीं करेंगे, घर जाकर अपनी सास से माफी मांगकर कभी न लडऩे का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने क्षेत्र की आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अच्छा व्यवहार करेंगे और सहयोग प्राप्त करेंगे। एक एएनएम ने बताया कि उसके परिजनों ने उसे बहुत कष्ट दिए हैं जिस कारण वह उनसे बहुत नाराजगी रखती थी पर अब वह उन्हें माफ कर रही है। एक ने कहा कि वह अपनी सास को अब मां की तरह मानेगी। एक एएनएम ने बताया कि अभी तक वह परिवहन साधनों की कमी का बहाना कर फील्ड में अच्छा कार्य नहीं करती थी पर अब वह बहुत अच्छा काम करेंगी। एक एएनएम ने कहा कि उन्हें अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं है जिस कारण कुछ भी बोल देती हैं लोगों को बुरा लगे इसकी परवाह नहीं करतीं। पर अब बिना सोचे समझे कोई बात नहीं कहूंगी। अनेक एएनएम ने गुस्सा पर काबू करने, निर्णय करने के पहले शांत रहकर सोचने और अपने परिजनों से अपना व्यवहार सुधारने की बात कही।       


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