अल्पविराम में विद्यार्थियों ने माना, हमें खुद पर विश्वास कम और दूसरों के निर्णय, कार्यों को प्रशंसा और निंदा ज्यादा प्रभावित करती है।
आनंदम अल्पीवराम कार्यक्रम का आयोजन शा उ माध्यमिक विद्यालय मांगलिया में आयोजित किया गया जहां कक्षा 11 एवम 12 के बच्चों ने सहभागिता की। पर्सनल स्टोरी शेयरिंग के माध्यम से सत्र की शुरुआत हुई। इसके बाद आनंदम सहयोगी विजय मेवाड़ा ने विद्यार्थियों को अपने कैरियर के संबंध में अंतर्मन में आ रहे सकारात्मक और नकारात्मक विचारों को निर्भय होकर लिखने को कहा। ज्यादातर बच्चों में नकरात्मक विचारों की अधिकता दिखाई । छात्र संजय मंडलोई ने प्रश्न किया हमें अपने द्रष्टिकोण में बदलाव एवम आत्मविश्वास प्रबल करने हेतु क्या करना चाहिए? श्री विजय मेवाड़ा ने उदाहरण देते हुए बताया कि हमारा ज्ञान हमारे अनुभवों के अलावा और भी कई बातों, व्यक्तियों और वस्तुओ पर आधारित है,। ऐसे में कभी कभी हमें खुद पर विश्वास कम होता है ओर हम दूसरों के किये गए कार्यों निर्णयों, प्रशंसाओं और निन्दा से प्रभावित होते होते अपना आत्म विश्वास खो देते हैं ओर हम संकोची स्वभाव के हो जाते हैं।विद्यार्थियो ने एक स्वर में प्रतिक्रिया दी यस सर हमारे साथ ऐसा ही होता है। इसलिए be positive, think positive हमारे विचार हमारे आगामी भविष्य की दिशा और दशा निर्धारित करते है । अतः हमें अपने नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता की ओर ले जाने के लिए अल्पविराम का अभ्यास करना चाहिए। श्री विजय ने सुझाव दिया साथ ही प्रतिदिन 20 मिनिट का समय निकालकर अल्पविराम का अभ्यास करें और अपने अंतर्मन की बात सुनने का प्रयास करें । निश्चित ही आप सफल होंगे।
फोटो :-