पहली बार बोझ उतारकर प्रशिक्षण से लौट रहे हैं - अल्पविराम से आए बदलावों को साझा किया नर्सों ने
अल्पविराम अब तक का सबसे अलग प्रशिक्षण है। अभी तक हम प्रशिक्षण के बाद एक बोझ लेकर वापस अपने कर्तव्य स्थल पर लौटते थे। यह ऐसा इकलौता प्रशिक्षण है जिसके बाद हम अपने दिल का बोझा हटाकर बड़े हल्के मन से वापस लौट रहे हैं। नौगांव के ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केन्द्र पर तीन दिवसीय आवासीय अल्पविराम प्रशिक्षण के समापन सत्र पर नर्सों ने अपनी बात रखी। मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी, प्रदीप सेन एवं मुकेश करूआ ने प्रशिक्षण सम्पन्न कराया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले की महिला स्वास्थ्यकर्मियों को खुद से मुलाकात के लिए अल्पविराम प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिसका यह पहला सत्र था। विभिन्न सत्रों में शांत समय लेने के बाद उन्होंने अपने व्यक्तिगत पारिवारिक और सामाजिक अनुभवों को साझा किया और कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद उनमें काफी बदलाव आया है। गुस्सा और तनाव कम करेंगे, कामचोरी से बचेंगे, दूसरों के प्रति नफरत त्यागकर लोगों को क्षमा करेंगे। परिवार, पड़ोस और सहयोगियों से संबंध सुधारेंगे, दूसरों की बात अब पहले सुनेंगे, लालच और ईष्र्या का त्याग करेंगे। जिन लोगों को कभी दुख पहुंचाया है उनसे क्षमा याचना करेंगे, ईमानदारी से काम करेंगे और दूसरों की मदद करेंगे। कार्य क्षेत्र में भी सुधार करेंगे। सभी ने अपने कार्यक्षेत्र में सुधार के लिए एक ड्राफ्ट भी तैयार किया। पहले सत्र में गौरिहार से लेकर बक्स्वाहा तक के 42 एएनएम ने प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें आत्मा की आवाज सुनने का अभ्यास कराया गया।
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