छतरपुर ,सुविधा से नहीं अंतर्मन से निर्णय लेने पर बनेंगे मंगल ग्राम -कमिश्नर
स्वयं के चिंतन से मिलता है दुखों से छुटकारा : कमिश्नर श्री मनोहर दुबे छतरपुर। सागर कमिश्नर श्री मनोहर दुबे ने कहा कि व्यक्ति सामान्यतः अपनी अंदर की कमियों को न देखकर दूसरों की कमियों पर नजर रखने से दुखी रहता है। स्वयं के अंदर चिंतन-मनन करने से इन दुखों से निजात पाया जा सकेगा। जिला पंचायत सभागार में छतरपुर जिले के प्रस्तावित मंगल ग्रामों के स्वैच्छिक मंगल ग्राम सहयोगियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कमिश्नर श्री दुबे ने कहा कि मंगल ग्राम के अंतर्गत अल्पविराम मिशन के कार्यक्रम से जुड़ने के लिए किसी तरह का दवाब नहीं है। यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है। प्रशिक्षण में शामिल हुए 96 ग्राम सहयोगियों ने एक स्वर में कमिश्नर को आश्वस्त किया कि उनके पिछले अनुभवों के आधार पर वह अल्पविराम के कार्यक्रम में स्वेच्छा से ही शामिल हुए हैं, वे अपनी ग्राम पंचायत के ग्रामों में इस कार्यक्रम के विस्तार में पूरी निष्ठा से जुड़ेंगे। कमिश्नर श्री दुबे ने बताया कि अनेक देश आर्थिक रूप से समृद्ध होने के बावजूद वहां के लोगों की परेशानी ज्यादा है। इन परेशानियों से व्यक्ति के स्वयं के अंदर दुख है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के मन में जो अच्छा लगता है वहीं करें, परंतु केवल 10 मिनिट आंख बंद कर सोचना चाहिए कि वे चाहते क्या हैं? इसका उत्तर स्वयं में ही मिलेगा और अच्छे-बुरे कार्य का आकलन होना प्रारंभ हो जाएगा। श्री दुबे ने कहा कि इससे आपस में झगड़े फसाद की नौबत नहीं आएगी और हम अच्छे समाज के निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दे सकेंगे। कलेक्टर श्री मोहित बुंदस ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मंगल ग्राम सहयोगी यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर आसपास के लोगों को इस मिशन से जोड़कर एक मिसाल प्रस्तुत करेंगे। जिला पंचायत सीईओ श्री हर्ष दीक्षित ने कहा प्रशिक्षण में सीखकर जाने के बाद आत्मसात करेंगे। मास्टर ट्रेनर लखन लाल असाटी ने जानकारी दी कि मंगल ग्राम में प्रस्तावित ग्राम पंचायत बंधीकला के एक युवक मुकेश अहिरवार दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। पर इस युवक ने यह ठाना है कि वह महाराष्ट्र के पंचगनी के शिविर में भी जाएगा। श्री असाटी ने कहा कि अल्पविराम का तात्पर्य है खुद से मुलाकात। मंगल ग्राम कार्यक्रम के उद्देश्य पर जानकारी देते हुए लखनलाल असाटी ने बताया कि कोई भी समाज तभी पूर्णतः सुखी हो सकता है जबकि उसके बहुसंख्य सदस्य अपने अंतर्मन आत्मा विवेक की आवाज सुनकर जीवन में निर्णय करते हैं और व्यवहार करते हैं किसी भी व्यक्ति का अंतर्मन उसे उसके आंतरिक एवं बाह्य विकास में बाधक रास्ते पर नहीं ले जा सकता है । राज्य सरकार की मान्यता है कि व्यक्ति के परिपूर्ण जीवन के लिए बाह्य कुशलता के साथ-साथ आंतरिक कुशलता भी समान रूप से आवश्यक है आज आदमी अंतर्मन के बजाय सुविधा के आधार पर निर्णय कर रहा है और परिणाम स्वरूप व्यक्ति में और समाज में तनाव के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और इसका परिणाम समाज के भौतिक विकास पर भी नकारात्मक रूप से पड़ा है हमारा यह मानना है कि व्यक्ति निरंतर अभ्यास के माध्यम से अंतर मन की आवाज सुनकर निर्णय करने में सक्षम बन सकता है और एक बार समाज के बहुसंख्य व्यक्ति इस तरह से निर्णय करने लगेंगे तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन निश्चित रूप से आएगाउपरोक्त धारणाओं को ध्यान में रखते हुए मंगल ग्राम की परिकल्पना को समाज के संपूर्ण विकास के आकांक्षी सज्जनों के मानस और आर्थिक सहयोग से पूरा किया जा रहा है सबसे पहले गांव के 5 से 10 युवा और उर्जा से भरे नागरिकों का चयन होगा जो सकारात्मक सोच रखते हो सृजनशील हो और ग्राम वासियों को स्वीकार्य हों इन्हें अंतरमन की आवाज सुनने के अभ्यास लिए अल्पविराम का प्रशिक्षण महाराष्ट्र जिले के सातारा स्थित इनीशिएटिव आफ चेंज पंचगनी में दिया जाएगा प्रशिक्षण के बाद यह सदस्य सर्वप्रथम खुद में निम्न मानवीय गुणों का विकास करेंगे अभ्यास करेंगे कृतज्ञता, मदद, संबंध, स्वीकार्यता , जागरूकता, जीवन के लक्ष्य और उद्देश्य, स्वास्थ्य, सीखना आदि गुणों का विकास करेंगेगांव में दूसरा समूह गांव के सरपंच, उपसरपंच, पंच सचिव, पटवारी शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि का होगा जिन्हें भी छतरपुर जिले के नौगांव स्थित क्षेत्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज प्रशिक्षण केंद्र में अल्पविराम का चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह दोनों समूह मिलकर गांव में अन्य व्यक्तियों को भी अल्पविराम का अभ्यास कराएंगे. छतरपुर जिला मुख्यालय से प्रत्येक गांव में 5-5 आनंद क्लब पदाधिकारी पहुंचेंगे और इस कार्य में मदद करेंगे। ग्राम पंचायत सरपंच की अध्यक्षता में गठित समूह को मदद करने राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे कि आईआईटी खड़कपुर अथवा आईआईएम इंदौर के 3-3 इंटनर्स प्रत्येक गांव में 3 महीने तक काम करेंगे. यह समूह गांव के सभी शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों के साथ मिलकर मंगल ग्राम में उपलब्ध संसाधनों का आकलन करेगा, राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से प्राप्त हुए और पंचायत स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का आकलन करेगा. ग्राम वासियों के कौशल क्षमता और उनकी आकांक्षाओं का भी आकलन करेगा. ग्राम में अांकलित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए ग्राम विकास की योजना तैयार करेगा जिसमें अधोसंरचना विकास एवं स्थाई रोजगार शामिल होगा संपूर्ण प्रक्रिया के सोशल ऑडिट में भी समूह सहायता करेगा. इंटनर्स छात्र सर्वप्रथम आकलन एवं योजना बनाने के लिए 15 दिन तक गांव में निवास करेंगे समूह द्वारा बनाई योजना पर ग्राम सभा के सभी सदस्यों से चर्चा की जाएगी और ग्राम सभा से अनुमोदित योजना का क्रियान्वयन संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा समूह में इंटनर्स आवश्यकता अनुसार वर्ष में दो तीन बार भ्रमण करेंगे और निर्धारित किए गए प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे और बेहतर तरीके से लागू करने की दिशा में भी कदम उठाएंगे इस तरह से गांव का भौतिक विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा उल्लेखनीय है कि आज के प्रशिक्षण में प्रस्तावित मंगल ग्राम के बगौता, देरी, बंधीकला, सलैया, कीरतपुरा, पठापुर, ललौनी, गौरगांय, सौंरा और सरानी से 96 ग्राम सहयोगी स्वयं की इच्छा से प्रशिक्षण में शामिल हुए।
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