विद्यार्थियों ने कहा "आज मन की गहराइयों से चिंतन किया तो एहसास हुआ हमारे पालकों का हमारे प्रति त्याग और समर्पण की पूर्ति हुम् चाहे तो कई जन्मों में भी नही कर सकते"-
एक्रोपोलिस कॉलेज एवम शासकीय हाई स्कूल कदवाली के विद्यार्थियों को अल्पविराम का अभ्यास आनंदम सहयोगी विजय मेवाड़ा,एवम प्रफुल्ल शर्मा द्वारा कराया गया। बच्चों से प्रश्न किया कि ऐसे कितने लोग है जिनके पालक अपने बच्चों की खुशी, ख्वाइशों और शिक्षा की पूर्ति के लिए अपने शौक ओर जरूरतों को संक्षिप्त करते हैं? इस प्रश्न पर आधरित जो भी वाकिये आपको याद हो उसे लिखिए? 10 मिनिट के अल्प विराम में अभी बच्चों की आँखे नम थी,आरती पटेल ने बताया कि आज जब हमने जब गंभीरता से सोचा तो एहसास हुआ हमारे परिजनों का हमारे लिए किया गया त्याग और बलिदान की पूर्ति हुम् सात जन्म में भी नही कर सकते। वास्तव में आज इस एक 40 मिनिट में हमारे परिजनो के प्रति कितने ऋणी है? एक प्रतिभागी अनिकेत प्रजापत ने कहा- आज तक हम छोटी छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति न कर पाने पर हमारे पलकों से नाराज होते थे किंतु आज से मेरा द्रष्टिकोण बदल गया है।
फोटो :-