समय विनियम कोष (टाइम बैंक) वस्तुत: भारतीय समाज की बहुत ही प्राचीन धारणा है। इसमें एक दूसरे की मदद करने तथा अपने कौशल का समुदाय के लिए उपयोग करने के लिए सभी तत्पर रहे है। कालान्तर में सामूहिकता के स्थान पर एकल होने की प्रवृत्ति बढ़ी जिसमें व्यक्ति को नितान्त ही अकेला कर दिया। उसकी सामाजिक सुरक्षा व आनंद छिन गया।
राज्य आन्दं संस्थान (आनंद विभाग) समय विनियम कोष को बढ़ावा देने की पहल से पुन: समाज में अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी भागीदारी को सामूहिक हित में बढ़ावा देने की पहल कर रहा है। यह भागीदारी इस आधार पर की जा रही है कि हम मुद्रा के स्थान पर समय का कोष तैयार करें । समय को जमा करें और जरूरत पड़ने पर समय को खर्च करें ।
मूलत: समय विनिमय कोष में पांच मूल मूल्य आते है, जिसमें हम समझ सकते है कि :-
इस समय विनिमय कोष में 20 से अधिक, किन्तु एक दूसरे से संपर्क स्थापित कर सकने योग्य लोग समूह से जुड़ सकते है।
संस्थान से जुड़े आनंद क्लब व आनंदक इस कार्य में अपनी महत्वपूर्ण एवं सक्रिय भूमिका देख सकते है। आगामी समय में समय विनिमय कोष के माध्यम से समाज के उपेक्षित जनों तथा वृद्ध, महिला, बच्चों, शारीरिक रूप से दिव्यांग पर अनेक कार्यक्रम किए जाने की संभावना है। जिससे अनेक उनके आनंद को बढ़ाया जा सकें।