1. परिचय :
राज्य आनंद संस्थान शोध (पी.एच.डी.) के लिए शोधकर्ताओं को अनुदान देने के लिए आवेदन आमंत्रित कर रहा है। यह अनुदान उन शोधार्थियों को दिया जावेगा जिन्होंने अपने शोध के लिए राज्य या केन्द्र के किसी मान्यता प्राप्त विश्वविघालय / संस्थान में आवेदन देने के अंतीम तिथि तक अपना पंजीयन करा लिया हो |
इस शोध अनुदान के लिए आवेदकों के शोध का विषय आनंद तथा खुशहाली से संबंधित होना चाहिए ।
2. पात्रता :
- आवेदन के समय आवेदक किसी मान्यता प्राप्त राज्य या केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए पंजीकृत होना चाहिए। विश्वविद्यालय की आरडीसी के द्वारा आवेदक का रिसर्च विषय तथा सिनॉप्सिस अनुमोदित होने के बाद ही फैलोशिप स्वीकृत की जावेगी।
- यदि आवेदक को पहले से किसी अन्य संस्था से पीएचडी हेतु छात्रवृत्ति / अनुदान स्वीकृत हो तो उन्हे आवेदन करने की पात्रता नहीं होगी।
3. अवधि एवं अनुदान राशि:
- डॉक्टोरल फैलोशिप अवधि 3 वर्ष होगी।
- फैलोशिप के अंतर्गत चयनित व्यक्ति को प्रतिवर्ष रू. 3.00 लाख तक की सहायता प्रदान की जा सकेगी।
- अनुदान सहायता अनुमोदित प्रस्ताव के स्वरूप के आधार पर प्रतिमाह स्टायपंड अथवा निर्धारित लक्ष्य (milestone) की पूर्ति पर दी जा सकेगी।
- अनुदान प्रदान करने का स्वरूप स्वीकृति के समय स्पष्ट परिभाषित किया जायेगा।
4. आवेदन की प्रक्रिया :
- आवेदन केवल राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे और विज्ञापन में उल्लेखित समय सीमा से पहले प्राप्त हो जाना चाहिए।
- विस्तृत सीवी के साथ सभी पात्रता दस्तावेज का अटैचमेंट ऑनलाइन आवेदन में होना चाहिए।
* सी.वी. गाइडलाइन्स
- पंजीकृत विश्वविद्यालय के आरडीसी द्वारा अनुमोदित विस्तृत सारांश और 500 शब्दों के सारसंक्षेप को आवेदन पत्र के साथ जमा करना होगा।
5. पुरस्कार के लिए प्रक्रिया :
- आनंद डॉक्टोरल फैलोशिप प्राप्त करने के लिए प्रेषित आवेदन पत्रों का परीक्षण राज्य आनंद संस्थान द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा।
- समिति प्रस्तावित शोध में आनंद के विषय की समझ विकसित करने एवं उसकी वृद्धि करने में सहायक होगे की संभावना पर विचार करेगी।
- आवेदक का साक्षात्कार किया जा सकेगा ।
- समिति का निर्णय अंतिम होगा। आवेदन बिना कारण बताए निरस्त किया जा सकेगा।
- वर्ष के अधिकतम पांच डॉक्टोरल फैलोशिप स्वीकृत किए जा सकेंगे।