परिपूर्ण व आनंदमयी जीवन के लिए जीवन्त सामुदायिक जीवन महत्वपूर्ण है। सामुदायिक जीवन के क्रियाकलापों को बढ़ावा देने में आनंद क्लब एक विशिष्ट माध्यम बन सकता है। राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मनोहर दुबे ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर जिले में आनंद क्लब को सहयोग देने का प्रस्ताव किया है। इस पत्र में सभी कलेक्टरों से कहा गया है कि वे अपने जिले में आनंदको का एक सम्मेलन बुलाकर उनके साथ आनंद क्लब की अवधारणा पर विचार विमर्श करें, साथ ही जिले में आनंद क्लब के गठन के लिए लोगों को प्रेरित करें। दर असल आनंद क्लब कि परिकल्पना में कहा गया है कि “परिपूर्ण एवं आनंदमयी जीवन जीने के लिए विगत दशकों से साईंस आफ हैप्पीनेस के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। भारतीय संस्कृति तथा दर्शन में भी आनंदमयी जीवन जीने के अनेक उपकरण उपलब्ध हैं। बहुत से व्यक्ति निजी स्तर पर ऐसी गतिविधियां संचालित करते हैं जिनसे समाज में सकारात्मकता तथा आनंद का प्रसार होता है। यह आवश्यक है कि ऐसे प्रयासों को एक संगठित रूप दिया जाए।‘’ ऐसे में प्रस्ताव यह है कि जो लोग भी आंनदित रहना चाहते हैं वे पहले खुद आनंदमयी जीवन जीने का कौशल सीखें, अपने जीवन में उसका अनुसरण करें, उसके बाद क्लब का गठन कर उस जीवन कौशल का अपने आस-पास प्रचार प्रसार करें। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि आनंद क्लब की पूरी संरचना व गतिविधि स्वेच्छिक भावना पर आधारित है। इसमें शामिल सदस्यों को किसी भी प्रकार से शासकीय लाभ या वरीयता क्लब का सदस्य होने के नाते नहीं मिलेगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने समाज में आंतरिक प्रसन्नता को बढ़ाने के इच्छुक व सामुदायिक रूप से सक्रिय लोगों से अपील की है कि वे अपने अपने क्षेत्र में आनंद क्लबों का गठन करें। क्लब गठन करने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। राज्य आनंद संस्थान से पंजीकृत कोई भी आनंदक, इसे वेबसाइट के माध्यम से क्लब बनाने की पहल कर सकता हैं। उसे अपने साथ कम से कम 4 और लोगों को जोड़ना होगा, जो आवश्यक नहीं है कि आनंदक के रूप में पंजीकृत हों। बाद में वे चाहें तो वे आनंदक बन सकते हैं। वेबसाइट पर क्लब गठन के निर्देश दिये हुये हैं। आप उसकी मदद से आसानी से क्लब का गठन कर अपने सामुदायिक दायित्व को पूरा कर सकते हैं। राज्य आनंद संस्थान क्लब के सदस्यों को प्रशिक्षण तथा अध्ययन सामग्री आन लाईन उपलब्ध कराएगी जो क्लब की गतिविधियों का आधार होगा। आनंद के विषय पर हो रहे अनुसंधान की जानकारी देगी, क्लब के द्वारा किए जा रहे सकारात्मक कार्यों का प्रचार प्रसारतथा उसे बेवसाईट ¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬¬www.anandsansthanmp.in पर प्रदर्शित करेगी। उत्कृष्ठ कार्य करने वाले क्लब और आनंदकों की पहचान कर उन्हें राज्य स्तर पर सम्मानित करेगी तथा आनंद क्लब के सदस्यों को यथा संभव प्रशिक्षित करेगी। संस्थान की ओर से आपसे अनुरोध है कि इस प्रक्रिया से जुड़कर सामुदायिक प्रयासों को बल दें और आनंद के प्रसार में अपनी भूमिका निश्चित करें।